दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत, तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार

By भाषा | Updated: November 30, 2021 21:50 IST2021-11-30T21:50:04+5:302021-11-30T21:50:04+5:30

Economic growth rate 8.4 percent in the second quarter, the status of the fast-growing economy remains intact | दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत, तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार

दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत, तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार

नयी दिल्ली, 30 नवंबर देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही। इसके साथ ही वृद्धि दर कोविड-पूर्व स्तर को पार कर गयी है। उम्मीद से बेहतर वृद्धि दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज वृद्धि हासिल करने के रास्ते पर है।

मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर पहली तिमाही की 20.1 प्रतिशत वृद्धि दर की तुलना में धीमी पड़ी है। हालांकि यह पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 7.4 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले बेहतर ही है।

सख्त लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित अप्रैल-जून 2020 में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी थी। यही कारण है कि निम्न तुलनात्मक आधार होने से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जोरदार वृद्धि दर्ज की गयी थी।

इस साल अप्रैल के मध्य में महामारी की दूसरी लहर के बाद से आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के साथ यह लगातार चौथी तिमाही है जब वृद्धि दर सकारात्मक रही है। वहीं पिछले वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर नकारात्मक रही थी।

महामारी के प्रभाव कम होने तथा टीकाकरण में तेजी के बीच वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही का जीडीपी का आंकड़ा निजी खपत व्यय में बेहतर सुधार को बताता है।

सरकारी व्यय में दूसरी तिमाही में पिछले साल की सामान तिमाही में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि तथा कम ब्याज दर से खपत को गति मिली है।

अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन जारी है और लगातर दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रही। यह घरेलू मांग और निर्यात में तेजी को बताता है।

आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ निर्माण, व्यापार, होटल, परिवहन और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

आंकड़े के अनुसार दूसरी तिमाही में सरकारी सेवाओं में 17.4 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई। इसमें लोक प्रशासन और रक्षा भी शामिल हैं।

निरपेक्ष रूप से जीडीपी जुलाई-सितंबर तिमाही में 35,73,451 करोड़ रुपये रही। यह वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही के 35,61,530 करोड़ रुपये के आकार के मुकाबले अधिक है।

जीडीपी पिछले साल जुलाई-सितंबर तिमाही में महामारी की वजह से लगी पाबंदियों के दौरान घटकर 32,96,718 करोड़ रुपये पर आ गयी थी।

सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.5 प्रतिशत रही और आंकड़ों से तमाम क्षेत्रों में व्यापक विस्तार के संकेत मिलते हैं।

मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन ने कहा कि बढ़ती मांग एवं मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के दम पर चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में रहने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली छमाही में कुल वृद्धि दर 13.7 प्रतिशत रही। ऐसे में मौजूदा और अगली तिमाहियों में 6 प्रतिशत से थोड़ी अधिक वृद्धि के साथ इस साल वृद्धि दर दहाई अंक में रह सकती है।’’

सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वृद्धि दर अगले साल 6.5 से 7.0 प्रतिशत और उसके बाद 7.0 प्रतिशत से अधिक रहेगी।’’

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘अभी ‘वी’ आकार (गिरावट के बाद तीव्र वृद्धि) की स्थिति नहीं आई है। कई क्षेत्र अभी भी समस्या से जूझ रहे हैं और उन्हें पुनरूद्धार के लिये मदद की जरूरत है।’’

स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी के वर्ष 2021-22 की पहली छमाही यानी अप्रैल-सितंबर अवधि में 68.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है जो पिछले साल इसी अवधि में यह 59.92 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह यह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 15.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

एनएसओ के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि 2021-22 की दूसरी तिमाही में बढ़कर 5.5 प्रतिशत रही। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 1.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

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Web Title: Economic growth rate 8.4 percent in the second quarter, the status of the fast-growing economy remains intact

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