कोरोना काल में परोपकार पर व्यवसायी घरानों का खर्च तीन गुना हो 12,000 करोड़ रुपये पर
By भाषा | Updated: March 15, 2021 16:42 IST2021-03-15T16:42:48+5:302021-03-15T16:42:48+5:30

कोरोना काल में परोपकार पर व्यवसायी घरानों का खर्च तीन गुना हो 12,000 करोड़ रुपये पर
नयी दिल्ली, 15 मार्च देश में कोरोना काल के दौरान व्यवसायी घरानों की निजी स्तर पर किए गए परोपकारी कार्यों में काफी तेजी आई है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान व्यावसायिक घरानों का परोपकार इस तरह का व्यय 12,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह 2019 के बाद समूचे निजी क्षेत्र के ऐसे खर्च में हुई वृद्धि का करीब दो तिहाई रहा है।
भारत परोपकार रिपोर्ट 2021 के मुताबिक व्यवसायी घरानों द्वारा परोपकारी गतिविधियों के लिये दिया गया धन 2020 में तीन गुणा बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह रिपोर्ट बेन एण्ड कंपनी एण्ड डासरा के सहयोग से तैयार किया गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 में पूरे निजी क्षेत्र से परोपकार के लिए दिया गया धन 64,000 करोड़ रुपये रहा जिसमें से 20 प्रतिशत व्यावसायिक घरानों की और निजी स्तर पर खर्च किया गया। इस सकल परोपकारी धन में विदेश से प्राप्त धन, कंपनियों, खुदरा और धनी व्यक्तियों और परिवारों द्वारा दिया गया धन शामिल है। इसमें अकेले इन घरानों की ओर से दिया गया धन ही 12,000 करोड़ रुपये के करीब रहा है।
दूसरों के कल्याण और सहायता के लिये दिये जाने वाले इस धन में विदेशी योगदान समग्र वित्त पोषण का एक चौथाई रहा है, वहीं घरेलू कंपनियों का अनुदान जिसे कंपनी की सामाजिक जवाबदेही (सीएसआर) के तौर पर जाना जाता है, 28 प्रतिशत रहा। वहीं खुदरा निवेशकों ने इसमें 28 प्रतिशत योगदान किया है।
इसके मुताबिक बड़े घरानों के स्तर पर किया गया परोपकार महामारी के दौरान काफी मजबूत साबित हुआ है और इसमें और वृद्धि की संभावना बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि भारत की यह संस्कृति रही है --जरूरतमंद की मदद की जानी चाहिये।
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यावसायिक घराने यदि अपने पूरे सामर्थ्य के साथ परोपकार करें तो इस काम के लिए इतनी राशि उपलब्ध हो सकती है जो कि भारत में परोपकार के लिए समग्र धन को दोगुना कर सकती है और यह भारत के विकास एजेंडा को एक नई दिशा दे सकता है।
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