चेन्नई, 13 अगस्त तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में 2021-22 के लिए संशोधित बजट पेश करते हुए कहा कि महामारी के परिदृश्य में अभी राजकोषीय मजबूती के लिए कदम उठाने का सही समय नहीं आया है। इसके अलावा द्रमुक सरकार ने पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार पर आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करने की ‘आधी अधूरी’ परियोजनाओं और कमजोर कर प्रशासन के लिए आलोचना भी की।
वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने चालू वित्त वर्ष के लिये संशोधित बजट अनुमान पेश करते हुए कहा कि राजस्व घाटा अंतरिम बजट अनुमान के अवास्तविक 41,417.30 करोड़ रुपये की तुलना में 58,692.68 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से राजस्व घाटे को कम किया जाएगा और उत्पादक संपत्तियों के सृजन के लिए आवंटन बढ़ाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की 2021-22 में शुद्ध रूप से 92,484.50 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना है।
पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ने इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था। अन्नाद्रमुक मई, 2011 से अप्रैल, 2021 तक राज्य में सत्ता में रही।
यह द्रमुक सरकार का पहला बजट था। इसके अलावा यह राज्य का पहला कागजरहित बजट भी रहा। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने बजट प्रक्रियाओं का बहिष्कार किया। अन्नाद्रमुक के सदस्य बजट पेश होने के दौरान विधानसभा से बाहर चले गए।
त्यागराजन ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट के बावजूद बीते वित्त वर्ष 2020-21 में स्थिर मूल्य पर तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था में 2.02 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमानों में कुल पूंजीगत व्यय 42,180.97 करोड़ रुपये रहने का आकलन किया गया है। यह अंतरिम बजट अनुमान के 43,170.61 करोड़ रुपये से 2.29 प्रतिशत कम है।
उन्होंने कहा कि इस लिहाज से राजकोषीय घाटा 92,529.43 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 4.33 प्रतिशत के बराबर होगा। इसके बावजूद यह 15वें वित्त आयोग द्वारा तय कुल नियमों के दायरे में होगा।
वर्ष के दौरान राज्य की राजस्व प्राप्तियां, केन्द्रीय हस्तांतरण सहित 2,02,495.89 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो कि पहले के 2,18,991.96 करोड़ रुपये से कम है। संशोधित अनुमान में राज्य का खुद का कर राजस्व भी अंतरिम बजट के 1,35,641.78 करोड़ रुपये से घटकर 1,26,644.15 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
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