कोविड के कारण धीमी पड़ी सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया पटरी पर लौटी: दीपम सचिव

By भाषा | Updated: August 12, 2021 00:06 IST2021-08-12T00:06:46+5:302021-08-12T00:06:46+5:30

Disinvestment process of PSUs slowed down due to Kovid is back on track: DIPAM Secretary | कोविड के कारण धीमी पड़ी सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया पटरी पर लौटी: दीपम सचिव

कोविड के कारण धीमी पड़ी सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया पटरी पर लौटी: दीपम सचिव

नई दिल्ली, 11 अगस्त निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने बुधवार को कहा कि कोविड की दूसरी लहर से प्रभावित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया वापस पटरी पर लौट आयी है और विभाग का लक्ष्य मार्च अंत तक कई उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करना है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मेगा आईपीओ चालू वित्त वर्ष के आखिर तक आने की उम्मीद है और सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से इस वित्त वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने की उम्मीद कर रही है।

उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इस साल एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का निजीकरण पूरा कर लिया जाएगा और स्वामित्व एवं नियंत्रण में बदलाव से इन कंपनियों के मूल्यांकन को बढ़ावा मिलेगा।

सचिव ने कहा, ‘‘कोविड महामारी ने वास्तव में हमें बहुत बुरी तरह प्रभावित किया... बाजार से जुड़ा लेनदेन करना बहुत आसान है, लेकिन रणनीतिक बिक्री करना कहीं अधिक कठिन है जहां बोली लगाने वाले वास्तव में कंपनी का नियंत्रण लेंगे और जहां जांच-परख की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। यात्रा पर जो प्रतिबंध लगे थे, धीरे-धीरे उन्हें हटा दिया गया है, अब हमारा विनिवेश पटरी पर लौट आया है।’’

पांडे ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सीआईआई के वार्षिक सत्र में भाग लेते हुए कहा, ‘‘हम इस साल एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का निजीकरण करना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि बोलीदाताओं ने कंपनियों में काफी रुचि दिखायी है और अब यह जांच परख की प्रक्रिया और वित्तीय बोली के चरण में है।

पांडे ने कहा कि गेल पाइपलाइनों के मुद्रीकरण के लिए एक दूसरे इनविट की भी तैयारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘खामियों को दूर करने की योजना विनिवेश में बहुत मददगार नहीं होगी। इसके बजाय हमें सुधारों का दृष्टिकोण लेकर बढ़ना होगा। और यह सुधार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की वास्तविक परिचालन क्षमता को सामने लाना है ... ऐसे में इनके नियंत्रण में बदलाव, स्वामित्व में परिवर्तन से काफी बढ़ावा मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि अगर हमारे पास बाजार में सूचीबद्ध कोई कंपनी है और हम उसके निजीकरण की घोषणा करते है, तो उसके शेयर तुरंत चढ़ जाते हैं। इसका मतलब है कि बाजार उन उद्यमों के निजी हाथों में जाने पर उनका अधिक मूल्य आंक रहा है।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 में बजट भाषाण में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी सहित एक बड़े निजीकरण एजेंडे की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा था कि वर्ष 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव हैं। इसके लिए विधायी संशोधनों की आवश्यकता होगी।

वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र में चार साधारण बीमा कंपनियां हैं। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड। इनमें से किसी एक का निजीकरण किया जाएगा। सरकार को इनमें से विनिवेश के लिये नाम को लेकर अंतिम निर्ण करना है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट में लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार ने एक्सिस बैंक, एनएमडीसी लिमिटेड और आवास एवं शहरी विकास निगम में हिस्सेदारी बेचकर 8,368 करोड़ रुपये ही जुटाये हैं।

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Web Title: Disinvestment process of PSUs slowed down due to Kovid is back on track: DIPAM Secretary

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