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डीजीसीए ने एयर इंडिया पर लगाया 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना, जानिए क्यों

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 14, 2022 22:55 IST

डीजीसीए ने एयर इंडिया के खिलाफ मिली शिकायत की जांच के बाद पाया एयर इंडिया ने बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली के यात्रियों को टिकट होने के बाद भी बोर्डिंग की इजाजत नहीं दी और न ही उन्हें उचित मुआवजा दिया। मामले में सख्ती दिखाते हुए डीजीसीए ने एयर इंडिया को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

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ठळक मुद्देडीजीसीए ने एयर इंडिया पर लगाया 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना एयर इंडिया ने फ्लाइट में टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बोर्डिंग से कर दिया था मना

दिल्ली: एविएशन रेगुलेटर (डीजीसीए) ने मंगलवार को एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि उसने फ्लाइट में टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बोर्डिंग से मना कर दिया था।

यही नहीं बोर्डिंग से मना करने के साथ ही विमानन कंपनी ने इस असुविधा के बदले यात्रियों को उचित मुआवजा भी नहीं दिया। जिसकी शिकायत डीजीसीए में की गई थी और जांच के बाद डीजीसीए ने मामले में एयर इंडिया को दोषी पाते हुए उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

डीजीसीए ने शिकायत के बाद की गई जांच के आधार पर पाया कि एयर इंडिया ने बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली के यात्रियों को टिकट होने के बाद भी बोर्डिंग की इजाजत नहीं दी और साथ में उचित मुआवजा भी नहीं दिया।

सेवा शर्तों में घंबीर कदाचार का मामले मानते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस संबंध में एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और साथ में व्यक्तिगत सुनवाई भी की। एयर इंडिया ने डीजीसीए को बताया कि ऐसे मामलों में हर्जाने को लेकर उसके पास कोई पॉलिसी ही नहीं है, जिसकी वजह से यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया।

एयर इंडिया के इस जवाब के बाद डीजीसीए ने सख्ती दिखाते हुए एयर इंडिया को कठोर शब्दों में कह कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कोई सिस्टम बनाए और कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उस सूरत में डीजीसीए उसके खिलाफ बहुत सख्त एक्शन लेगा।

डीजीसीए ने कहा कि अगर यात्री के पास वैध टिकट है तो विमानन कंपनियां उस सूरत में उन्हें बोर्डिंग से मना नहीं कर सकती हैं, जिसमें उन्होंने समय पर एयरपोर्ट पर पहुंचने की सूचना दे दी हो।

मालूम हो कि अगर एयरलाइन एक घंटे के भीतर यात्री के लिए ऑप्शनल फ्लाइट की व्यवस्था कर देती हैं, तो उन्हें कोई मुआवजा नहीं देना पडे़गा। लेकिन अगर एयरलाइन अगले 24 घंटों में हवाई सेवा नहीं प्रदान करती हैं, तो उन्हें 10,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।

इसके साथ ही डीजीसीए ने सभी घरेलू एयरलाइंस कंपनियों को स्पष्ट आदेश जारी किया है कि अगर एयर लाइंस कंपनियां यात्रियों को वैध टिकट होने के बाद बोर्डिंग देने से इनकार नहीं कर सकती हैं।

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