मनरेगा के तहत काम की मांग बढ़ी: मंत्रालय

By भाषा | Published: May 17, 2021 11:31 PM2021-05-17T23:31:11+5:302021-05-17T23:31:11+5:30

Demand for work under MNREGA increased: Ministry | मनरेगा के तहत काम की मांग बढ़ी: मंत्रालय

मनरेगा के तहत काम की मांग बढ़ी: मंत्रालय

नयी दिल्ली, 17 मई कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का असर गांवों में भी होने और इसकी रोकथाम के लिये कई राज्यों में लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के बावजूद ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून मनरेगा के तहत कार्य की मांग बढ़ रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली।

मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि महामारी के कारण ग्रामीण विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने से जुड़े परिचालन कर्मचारियों समेत अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे अनेक कर्मचारियों की मौत हुई है।

बयान के अनुसार कोविड महामारी के बीच मई 2021 में अबतक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत 1.85 करोड़ लोगों को काम दिया गया। ये मई 2019 की समान अवधि में दिये गये काम से 52 प्रतिशत ज्यादा है। उस दौरान 1.22 करोड़ लोगों को काम दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि 2019 में महामारी की स्थिति नहीं थी और कोई ‘लॉकडाउन’ नहीं था।

बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में 13 मई 2021 तक 2.95 करोड़ लोगों को काम दिया जा चुका है, जिसमें 5.98 लाख संपत्तियां पूरी हुईं और 34.56 करोड़ श्रमिक-दिवस कार्य उत्पन्न हुए।

अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे कर्मचारियों सहित सभी स्तरों पर कार्यरत कर्मियों के बीच संक्रमण और मौत के बावजूद ये उपलब्धि हासिल की गयी।

मंत्रालय के अनुसार विकास कार्यों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर प्रमुख लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए महामारी की रोकथाम को लेकर उचित व्यवहार (मास्क पहनना, उचित दूरी), टीकाकरण, टीके को लेकर झिझक दूर करने और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति उचित व्यवहार के लिये प्रोत्साहन तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आदि को लेकर दीनदयाल अन्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत अप्रैल 2021 में लोगों प्रशिक्षण दिया गया।

इसके तहत राज्य, जिला और प्रखंड स्तरीय 13,958 नोडल व्यक्तियों को मुख्य प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षण दिया गया। वहीं इन प्रशिक्षकों ने 1,14,500 कम्युनिटी रिस्प़ॉन्स पर्सन (सीआरपी) को प्रशिक्षण दिया।

बयान के अनुसार इन सीआरपी 2.5 करोड़ महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया।

बयान में कहा गया है, ‘‘भले ही देश का ग्रामीण क्षेत्र बढ़ती कोविड महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया हो, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ये सुनिश्चित किया है कि देश भर में विकास कार्य प्रभावित नहीं हों।’’

मंत्रालय के अनुसार 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन और इसकी वजह से लोगों, मशीनों और सामग्री की उपलब्धता में मुश्किलों के बावजूद प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस साल अबतक बीते 3 साल की इसी अवधि की तुलना में सबसे ज्यादा सड़कों का निर्माण हुआ।

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Web Title: Demand for work under MNREGA increased: Ministry

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