ऋण किस्त स्थगन: व्यापार संगठनों की राहत देने की याचिका पर न्यायालय मंगलवार को सुनाएगा फैसला

By भाषा | Updated: March 22, 2021 22:02 IST2021-03-22T22:02:23+5:302021-03-22T22:02:23+5:30

Debt installment adjournment: Court to decide on plea for giving relief to trade organizations | ऋण किस्त स्थगन: व्यापार संगठनों की राहत देने की याचिका पर न्यायालय मंगलवार को सुनाएगा फैसला

ऋण किस्त स्थगन: व्यापार संगठनों की राहत देने की याचिका पर न्यायालय मंगलवार को सुनाएगा फैसला

नयी दिल्ली, 22 मार्च उच्चतम न्यायालय रियल एस्टेट और बिजली क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों के व्यावसायिक संघों की उन याचिकाओं पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऋण किस्त स्थगन और अन्य राहत का विस्तार किए जाने का आवेदन किया है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले साल 17 दिसंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पिछली सुनवाई में केंद्र ने न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक द्वारा छह महीने के लिये ऋण की किस्तों के भुगतान स्थगित रखने जाने की छूट की योजना के तहत सभी वर्गो को यदि ब्याज माफी का लाभ दिया जाता है तो इस मद पर छह लाख करोड़ रूपए से ज्यादा धनराशि छोड़नी पड़ सकती है।

केन्द्र ने कहा कि अगर बैकों को यह बोझ वहन करना होगा तो उन्हें अपनी कुल शुद्ध परिसंपत्ति का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ेगा, जिससे अधिकांश कर्ज देने वाले बैंक संस्थान अलाभकारी स्थिति में पहुंच जायेंगे ओर इससे उनके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जायेगा।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ से केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसी वजह से ब्याज माफी के बारे में सोचा भी नहीं गया और सिर्फ किस्त स्थगित करने का प्रावधान किया गया था।

शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिअल एस्टेट और ऊर्जा सेक्टर सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा राहत के लिये दायर याचिकाओं पर सुनवाई् कर रही है।

न्यायालय ने गत वर्ष 27 नवंबर को सरकार को निर्देश दिया कि वह कोरोना वायरस महामारी के असर को देखते हुए आठ अलग अलग श्रेणियों के दो करोड़ रुपये तक के सभी ऋणों पर वसूली स्थगन की अवधि का ब्याज छोड़ने के उसके निर्णय को लागू करने के हर जरूरी उपाय सुनिश्चित कराए। रिजर्व बैंक द्वारा वसूली स्थगतन की घोषित अवधि तीन मार्च से 31 अगस्त 2020 तक छह माह के लिए थी।

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Web Title: Debt installment adjournment: Court to decide on plea for giving relief to trade organizations

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