कर्ज की लागत वाजिब रहेगी, जी-सेक के प्रतिफल में स्थिरता बनी रहेगी: आर्थिक मामलों के सचिव
By भाषा | Updated: February 5, 2021 17:52 IST2021-02-05T17:52:19+5:302021-02-05T17:52:19+5:30

कर्ज की लागत वाजिब रहेगी, जी-सेक के प्रतिफल में स्थिरता बनी रहेगी: आर्थिक मामलों के सचिव
नयी दिल्ली, पांच फरवरी आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में वाजिब दर पर करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के प्रतिफल की दर चालू वित्त वर्ष के बराबर ही रहेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि 2021-22 के लिये जो उसने रिकार्ड कर्ज लेने की योजना बनायी है, उससे ऋण की मांग होने पर निजी कंपनियों के लिये कोष की कमी नहीं हो।
बाजार में पर्याप्त नकदी के कारण सरकार के लिये कोष की लागत 2020-21 में कम हुई है।
सरकार के 12.80 लाख करोड़ रुपये के बड़े उधार कार्यक्रम के बावूजद कोष की लागत पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 0.8 से 1.0 प्रतिशत कम रही।
वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में बांड पर निवेश का औसत प्रतिफल 5.82 प्रतिशत था। यह पिछले वित्त वर्ष के औसत निवेश प्रतिफल से करीब एक प्रतिशत कम है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सरकार के कर्ज के लिये औसत प्रतिफल 6.58 प्रतिशत था।
हाल के 10 साल की अवधि वाल सरकारी बांड (जी-सेक) नीलामी में ब्याज दर (कूपन रेट) 5.85 प्रतिशत थी।
सचिव ने कहा, ‘‘आने वाले वर्ष के लिये दरें यथोचित होंगी...यह मौजूदा स्तर पर होगी। हो सकता है 0.05 से 0.1 प्रतिशत इधर-उधर हो।’’
उन्होंने कहा कि बाजार उधारी के अलावा सरकार के समक्ष अन्य विकल्प भी हैं। इसमें राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष (एनएसएसएफ) और बहुपक्षीय एजेंसियां शामिल हैं।
बजाज ने पीटीटाई-भाषा से कहा, ‘‘अगर निजी क्षेत्र आता है, हमें उनके लिये कोष की उपलब्धता सुनिश्चित करने में खुशी होगी।’’
सरकार 2021-22 में बाजार से 12.05 करोड़ रुपये कर्ज लेगी जो चालू वित्त वर्ष के अनुमानित 12.80 लाख से कम है।
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