‘जलवायु जोखिम वित्त के सरकार या नियामकों के अधीन होने पर बहस जारी’

By भाषा | Updated: October 8, 2021 16:02 IST2021-10-08T16:02:33+5:302021-10-08T16:02:33+5:30

Debate on whether climate risk finance is subject to government or regulators | ‘जलवायु जोखिम वित्त के सरकार या नियामकों के अधीन होने पर बहस जारी’

‘जलवायु जोखिम वित्त के सरकार या नियामकों के अधीन होने पर बहस जारी’

मुंबई, आठ अक्टूबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक तापवृद्धि को लेकर चिंताएं बढ़ने के साथ ही सरकार और केंद्रीय बैंक यह तय कर रहे हैं कि वित्तीय दृष्टिकोण से जलवायु जोखिम की निगरानी किसे करनी चाहिए।

डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि आरबीआई ने इस मुद्दे पर अपना काम शुरू कर दिया है, जिसमें एक आंतरिक स्थायी वित्त समूह का गठन शामिल है, जो जल्द ही इस संबंध में एक मार्गदर्शन टिप्पणी तैयार करेगा।

जैन ने मौद्रिक समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जलवायु जोखिम के संबंध में मुझे लगता है कि यह प्रारंभिक चरण में है और नियामकों तथा सरकार के बीच यह बहस चल रही है कि क्या इसे सरकार के क्षेत्राधिकार में होना चाहिए या नियामक के।’’

राव ने उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आरबीआई ने आंतरिक रूप से इस मुद्दे की गंभीरता को पहचाना है और कई उपाय किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए आंतरिक रूप से एक स्थायी वित्त समूह भी गठित किया है। विचार यह है कि हम इस मुद्दे को व्यापक रूप से देख सकते हैं और जल्द ही एक मार्गदर्शन टिप्पणी तैयार हो सकती है।

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Web Title: Debate on whether climate risk finance is subject to government or regulators

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