Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से के ‘डॉलरीकरण’ का खतरा, आरबीआई अधिकारी बोले-भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ, जानें क्या है वजह

By भाषा | Published: May 15, 2022 08:42 PM2022-05-15T20:42:54+5:302022-05-15T20:45:12+5:30

Cryptocurrency: पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी।

Cryptocurrency economy threatens 'dollarise' part RBI official said against India's sovereign interests | Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से के ‘डॉलरीकरण’ का खतरा, आरबीआई अधिकारी बोले-भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ, जानें क्या है वजह

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी।

Highlights वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी।केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘‘डॉलरीकरण’’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।

सूत्रों ने बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी।

समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।’’ उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है।

केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी ‘‘मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है।’’ रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने संसदीय समिति से कहा, ‘‘लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं।

ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।’’ आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो।

अधिकारियों ने आगाह किया कि आगे जाकर, क्रिप्टो का बुलबुला फूटेगा और इससे आम जनता को गाढ़ी मेहनत से की गई बचत से हाथ धोना पड़ सकता है। इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी।

एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है। भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है। 

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