न्यायालय ने एलसीएलटी, एनसीएलएटी को अनुबंध समाप्त करने के अधिकार में हस्तक्षेप से आगाह किया
By भाषा | Updated: November 23, 2021 22:25 IST2021-11-23T22:25:24+5:302021-11-23T22:25:24+5:30

न्यायालय ने एलसीएलटी, एनसीएलएटी को अनुबंध समाप्त करने के अधिकार में हस्तक्षेप से आगाह किया
नयी दिल्ली, 23 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) को किसी अनुबंध को समाप्त करने के लिए एक पक्ष के अनुबंधात्मक अधिकार के साथ हस्तक्षेप पर आगाह किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कोई अनुबंध कॉरपोरेट कर्जदार के दिवाला होने से संबंधित आधार से जुड़े नहीं हैं, तो न्यायाधिकरण के अवशिष्ट अधिकार को लागू नहीं किया जा सकता।
शीर्ष अदालत ने कहा कि भले ही दिवाला के संबंध में अनुबंधात्मक विवाद उत्पन्न होता है, एक पक्ष को अनुबंध समाप्त करने से तभी रोका जा सकता है जब वह कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) की सफलता के लिए केंद्र में हो।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हम एनसीएलटी और एनसीएलएटी को एक अनुबंध को समाप्त करने के एक पक्ष के अधिकार के साथ हस्तक्षेप के संबंध में सावधान करना चाहते हैं।
शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी के जून, 2020 के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर 25 पृष्ठ का फैसला सुनाया। एनसीएलएटी ने नोटिस जारी करने के मामले में एनसीएलटी द्वारा पारित एक अंतरिम आदेश को बरकरार रखा था।
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