कोरोना वायरस और ‘लॉकडाउन’ प्रभावः इकोनॉमी बेहाल, GDP ग्रोथ 4.2%, 11 साल के निचले स्तर पर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 29, 2020 06:07 PM2020-05-29T18:07:27+5:302020-05-29T18:17:20+5:30
कोरोना की वजह से आगे भी स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। बीते दिनों भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी।
नई दिल्लीः देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में घटकर 3.1 प्रतिशत पर है। दुनिया भर में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। सिंगापुर और अमेरिका में हालात बहुत ही खराब है। बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। प्रदर्शन रोज हो रहे हैं।
बीते वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 11 साल के निचले स्तर 4.2 प्रतिशत पर है। इस साल फरवरी और मार्च में देश की इकोनॉमी पर कोरोना का बुरा असर पड़ा है। यही वजह है कि पहले से ही इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में बड़ी गिरावट की आशंका थी। कोरोना वायरस महामारी और ‘लॉकडाउन’ के कारण आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अप्रैल महीने में एक साल पहले की तुलना में 38.1 प्रतिशत घट गया। यह गिरावट का एक नया रिकार्ड है।
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 5.7 प्रतिशत रही थी। 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का सबसे कमजोर आंकड़ा है।
कहा जा रहा है कि वृद्धि दर में गिरावट का सबसे बुरा दौर अभी आना है। इसकी वजह कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन है। राष्ट्रव्यापी बंद का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा है, इसका पता अगली तिमाही यानी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़े आने के बाद चलेगा। सरकार ने एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को बंद करने की शुरुआत मार्च के अंतिम सप्ताह से की थी। 25 मार्च से लागू लॉकडाउन को पहले ही तीन बार बढ़ाया जा चुका है।
हालांकि, इस महीने की शुरुआत से सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कुछ छूट दी हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में इसमें 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़कर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1.6 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार 4.2 प्रतिशत रही
आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर गिरकर 4.2 प्रतिशत रह गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.1 प्रतिशत रही थी। यह वार्षिक वृद्धि दर का 11 साल का सबसे निचला स्तर है। बीते वित्त वर्ष की प़हली तीन तिमाहियों के वृद्धि दर के आंकड़ों को घटाया गया है।
बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के वृद्धि दर के आंकड़े को घटाकर 4.7 की जगह 4.1 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह बीते वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के आंकड़ों को भी क्रमश 5.6 से कम कर 5.2 प्रतिशत और 5.1 की जगह 4.4 प्रतिशत किया गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों एसएंडपी ग्लोबल और फिच रेटिंग्स के अलावा कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में चार दशक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।
वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में रिकॉर्ड पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी। कोविड-19 संकट शुरू होने से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती थी। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के संकट तथा उपभोक्ता मांग घटने तथा निजी निवेश नीचे आने से अर्थव्यवस्था की स्थिति पहले से ही अच्छी नहीं थी। लॉकडाउन की वजह से सेवा क्षेत्र ओर विनिर्माण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे रोजगार और आर्थिक वृद्धि के प्रभावित होने की आशंका है। जीडीपी में सेवा क्षेत्र का हिस्सा 55 प्रतिशत का है। शुक्रवार को ही आए एक अन्य आंकड़े के अनुसार अप्रैल में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 38.1 प्रतिशत घटा है। इसमें कोयला, कच्चा तेल और बिजली सहित आठ बुनियादी उद्योग आते हैं।
निर्माण क्षेत्र का जीवीए चौथी तिमाही में 2.2 प्रतिशत घटा
अर्थव्यवस्था में सुस्ती से राजकोषीय घाटा भी बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.59 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जबकि इसका बजटीय लक्ष्य 3.8 प्रतिशत का था। जीडीपी के आंकड़ों पर डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े एक दशक से अधिक पुराने वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से सबसे खराब हैं। उन्होंने कहा, ‘‘2020 की शुरुआत से आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार दिखने लगा था।
पहले दो माह के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक गतिविधियां सुधरने लगी हैं।’’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो जनवरी-मार्च की तिमाही में जो सुस्ती रही है, उसमें प्रमुख योगदान मार्च के दूसरे पखवाड़े का है जब देश में कोविड-19 तेजी से फैलने लगा था।’’ उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि यदि कोविड-19 नहीं होता तो भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती।’’ मजूमदार ने कहा कि कोई यह अनुमान नहीं लगा सकता कि दो सप्ताह की इस अड़चन का क्या प्रभाव पड़ा।
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q4 of 2019-20 is estimated at Rs. 38.04 lakh crore, as against Rs 36.90 lakh crore in Q4 of 2018-19, showing a growth of 3.1 percent: Ministry of Statistics & Programme Implementation https://t.co/ajLxId8vW3
— ANI (@ANI) May 29, 2020
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में स्थिति और खराब रहेगी। यह महामारी समाप्त होने के बाद देश की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और कच्चे तेल की कीमतों में कमी से भी मदद मिलेगी। एसएंडपी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में अगले एक साल तक आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रहेंगी।
कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार ने 20.9 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। मार्च से रिजर्व बैंक महत्वपूर्ण नीतिगत दरों में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लॉकडाउन की वजह से सेवा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। व्यापार, होटल और परिवहन सेवाओं में चौथी तिमाही में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वहीं वित्तीय सेवाओं की वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत रही है। जनवरी-मार्च की तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
Final growth rate of Index of Eight Core Industries for January’2020 remains unchanged at 2.2%. The Eight Core Industries comprise 40.27 per cent of the weight of items included in the Index of Industrial Production (IIP): Ministry of Commerce & Industry https://t.co/16VO487Qb4
— ANI (@ANI) May 29, 2020
इनपुट भाषा