मुंबई: सप्ताह के पहले ही दिन भारतीय शेयर बाजार में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स निफ्टी में भारी अंको की गिरावट है। सेंसेक्स 2800 अंक गिरकर खुला तो वहीं निफ्टी 8000 के नीचे आ गया है। कोरोना वायरस का डर निवेशकों पर हावी नजर आ रहा है।
दुनियाभर के बाजारों में कमजोर कारोबार दिख रहा है। भारत में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किए जाने के बाद बता दें कि सोमवार सुबह 9.53 बजे खबर लिखने तक तक सेंसेक्स 2863 अंक टूटकर 27,052 पर पहुंच गया। इसी तरह निफ़्टी भी थोड़ी ही देर में 7,941 तक पहुंच गया।
इसके अलावा, आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश के शेयर बाजारों ने ब्रोकरों को 30 अप्रैल तक अपने घरों से ही काम करने की अनुमति दी है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार शायद यह पहली बार है कि दलालों को यह सुविधा दी गई है।
बीएसई और एनएसई ने अलग-अलग परिपत्रों में कहा कि उन्होंने ब्रोकरों और कारोबारियों को अधिकृत स्थानों से बाहर टर्मिनल ले जाने की अनुमति दी है। इस कदम से ब्रोकरों को घर से काम करने की सुविधा मिलेगी। शेयर बाजारों ने कहा कि यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक या इससे अधिक समय तक जारी रह सकती है। कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए ट्रेडरों और कारोबारियों ने निवारक उपायों के तहत ऐसा करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद शेयर बाजारों ने यह कदम उठाया।
बीएसई और एनएसई ने कहा कि शेयर ब्रोकरों के लिए अस्थाई रूप से तय स्थानों के अलावा दूसरी जगह से व्यापारिक टर्मिनलों को संचालित करने की अनुमति होगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इन दिशानिर्देशों के तहत शेयर दलालों को किसी भी अनधिकृत व्यापार को रोकने के लिए एक आंतरिक नीति तैयार करनी होगी और मंजूरी प्राप्त उपयोगकर्ताओं की एक सूची शेयर बाजार को देनी होगी।
इसके अलावा टर्मिनल का ब्यौरा, प्रमाणपत्र का विवरण और वैकल्पिक स्थान का पता भी देना होगा। शेयर बाजारों ने कहा, "इस तरह की नीति को सीईओ/ नामित निदेशक/ अनुपालन अधिकारी/ भागीदार/ प्रोप्राइटर जैसे उचित अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।" परिपत्र में कहा गया, "सदस्यों के पास ऐसे टर्मिनलों की निगरानी के लिए एक तंत्र होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टर्मिनलों को ऐसे वैकल्पिक स्थानों से स्वीकृत उपयोगकर्ता ही संचालित कर रहे हैं।"