कोऑपरेटिव राबोबैंक यू.ए. पर एक करोड़ का जुर्माना, महाराष्ट्र में कनराला नागरी सहकारी बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द, जानें असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2021 21:36 IST2021-08-13T21:36:04+5:302021-08-13T21:36:51+5:30
बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के जरियम अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी।

रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस नौ अगस्त के आदेश के तहत रद्द किया गया है।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बताया कि उसने सहकारी क्षेत्र के कोऑपरेटिव राबोबैंक यू.ए. पर नियामकीय अनुपालन में खामियां बरते जाने को लेकर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी सहकारी बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया। केंद्रीय बैंक ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि इस सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद बैंक बैंकिंग परिचालन नहीं कर पाएगा। बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के जरियम अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी।’’
परिसमापन की स्थिति में प्रत्येक जमाकर्ता को डीआईसीजीसी से जमा बीमा दावे का अधिकार होता है। इसकी सीमा पांच लाख रुपये तक है। रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस नौ अगस्त के आदेश के तहत रद्द किया गया है।
एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
आरबीआई ने एक वक्तव्य में बताया कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों और 'आरक्षित निधियों के हस्तांतरण' से संबंधित निर्देशों का उल्लंघन करने पर यह जुर्माना लगाया गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसने 31 मार्च, 2020 तक बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर पर्यवेक्षी मूल्यांकन सांविधिक जांच (आईएसई) जांच की थी।
जिसमे कंपनी द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम के प्रावधानों और आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन पाया गया। आरबीआई ने इस संबंध में बैंक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। वक्तव्य में कहा गया है कि नोटिस पर मिले बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई में मिले जवाब और उसके बाद बैंक द्वारा दी गई अतिरिक्त जानकारी के बाद रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा की नियमों का उल्लंघन हुआ है और बेंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाना वाजिब है।
एक अन्य वक्तव्य में रिजर्व बैंक ने कहा कि कोलकाता की विलेज फाइनेंसियल सविर्सिज पर अपने ग्राहक को जानों नियमों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केन्द्रीय बैंक ने यह भी बताया कि उसने अहमदनगर मर्चेट को-आपरेटिव बैंक पर 13 लाख, अहमदाबाद के महिला विकास को-अपरेटिव बैंक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।