भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन पर असमंजस: वैश्विक नीतियों के बीच भारत कब तय करेगा अपना रुख?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2025 12:29 IST2025-02-28T12:29:22+5:302025-02-28T12:29:55+5:30

भारत के पास भी यह अवसर है कि वह अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीति अपनाए।

Confusion over crypto regulation in India When will India decide its stand amid global policies? | भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन पर असमंजस: वैश्विक नीतियों के बीच भारत कब तय करेगा अपना रुख?

सांकेतिक फोटो

Highlightsबाजार स्थिरता, निवेशकों की सुरक्षा और नवाचार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यूरोपीय संघ का MiCA रेगुलेशन, जो दिसंबर 2024 से पूरी तरह लागू हो चुका है, अब तक का सबसे व्यापक क्रिप्टो नियमन माना जा रहा है।

नई दिल्लीः यूरोप और ब्रिटेन में जहां क्रिप्टोकरेंसी के लिए स्पष्ट और ठोस नियामक ढांचे बनाए जा रहे हैं, वहीं भारत अब भी इस दिशा में अपनी नीति तय करने में पिछड़ता दिख रहा है। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर चर्चा जरूर हुई, लेकिन अब तक कोई ठोस नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया। दूसरी ओर, यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम अपने क्रिप्टो बाजार को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए प्रभावी नियम लागू कर रहे हैं। यूरोपीय संघ का क्रिप्टो संपत्ति बाजार (MiCA) रेगुलेशन और ब्रिटेन की वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) द्वारा जारी दिशानिर्देश बाजार स्थिरता, निवेशकों की सुरक्षा और नवाचार के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के पास भी यह अवसर है कि वह अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने वाली नीति अपनाए।  

यूरोपीय संघ का MiCA रेगुलेशन, जो दिसंबर 2024 से पूरी तरह लागू हो चुका है, अब तक का सबसे व्यापक क्रिप्टो नियमन माना जा रहा है। इसका उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। इसके तहत क्रिप्टो सेवा प्रदाताओं के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है ताकि धोखाधड़ी और इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाई जा सके।

एल्गोरिदमिक स्टेबलकॉइन्स पर प्रतिबंध और असेट-बैक्ड स्टेबलकॉइन्स के लिए सख्त रिजर्व नियम लागू किए गए हैं ताकि वित्तीय अस्थिरता से बचा जा सके। ब्रिटेन की FCA भी क्रिप्टो बाजार के नियमन को लेकर सक्रिय है। FCA ने 2025 तक स्थिर मुद्रा, क्रिप्टो कस्टडी और बाजार में धोखाधड़ी जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी करने की योजना बनाई है।

2026 तक, वह इन विषयों पर अंतिम नीति तय कर लेगी। FCA का मुख्य फोकस यह सुनिश्चित करना है कि क्रिप्टो फर्में मजबूत वित्तीय स्थिति बनाए रखें, जोखिम प्रबंधन के सख्त नियमों का पालन करें और निवेशकों को उनके जोखिमों की पूरी जानकारी मिले। इसके विपरीत, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नीति अभी भी मुख्य रूप से टैक्स और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने (AML) तक सीमित है।

स्पष्ट नियमों के अभाव में निवेशकों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। कई क्रिप्टो एक्सचेंज उच्च लेनदेन शुल्क वसूल रहे हैं, और अगर किसी तकनीकी गड़बड़ी या धोखाधड़ी का मामला सामने आता है, तो निवेशकों के पास कानूनी संरक्षण का कोई ठोस साधन नहीं होता। क्रिप्टो के विकेंद्रीकृत स्वरूप के कारण भारतीय नियामकों के लिए इसे नियंत्रित करना और भी चुनौतीपूर्ण बन गया है।

हाल ही में वज़ीरएक्स से जुड़े एक मामले ने इन चिंताओं को उजागर किया। दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज ने सरकार की नियामक नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, "अगर कोई डार्क वेब से आपके प्लेटफॉर्म को हैक कर ले, तो आप सिर्फ 'माफ कीजिए' कहकर नहीं बच सकते... क्या सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी?"

उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की निष्क्रियता पर भी नाराजगी जताई और चेतावनी दी, "आप (RBI) भले ही क्रिप्टो को नजरअंदाज करें, लेकिन यह देश की वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा बन सकता है। आप इसे नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?" यह बयान दिखाता है कि भारत को क्रिप्टो से जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट नीति की कितनी सख्त जरूरत है।

यूरोप और ब्रिटेन जहां तेजी से क्रिप्टो रेगुलेशन को मजबूत कर रहे हैं, भारत को भी अब अपने रुख को स्पष्ट करने की जरूरत है। यदि भारत डिजिटल एसेट्स के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है, तो उसे संतुलित और प्रभावी नियामक नीति अपनानी होगी। SEBI, RBI और क्रिप्टो इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के बीच सहयोग से ऐसा नियामक ढांचा बनाया जा सकता है।

जो न केवल वैश्विक सर्वोत्तम नीतियों के अनुरूप हो, बल्कि भारतीय बाजार की आवश्यकताओं को भी पूरा करे। अगर नियामक स्पष्टता और सुरक्षा का अभाव बना रहा, तो यह क्षेत्र ठहराव का शिकार हो सकता है। लेकिन सही नीतियों के साथ, भारत क्रिप्टो की दुनिया में एक प्रभावशाली और अग्रणी खिलाड़ी के रूप में उभर सकता है।

Web Title: Confusion over crypto regulation in India When will India decide its stand amid global policies?

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