Central government employees DA Increase: कोविड और महंगाई के बीच मोदी सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्र सरकार ने डीए 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) लाभों को बहाल करने की घोषणा की है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर चल रही कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
केंद्र सरकार ने मंहगाई भत्ते पर लगी रोक को आज हटा लिया है। इस रोक के हटने के साथ ही तीन किश्तों को मिलाकर 11 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है। पिछले साल कोरोना महामारी शुरू होने के बाद अप्रैल के महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की दो किस्तों को जारी करने पर रोक लगा दी थी।
इस फैसले से लगभग 48.34 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 65.26 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। डीए सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिए जाने वाले वेतन का एक हिस्सा है। विशेष रूप से, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वर्तमान में 7 वें वेतन आयोग के तहत 17 प्रतिशत डीए मिलता है।
डीए बहाली के बाद कर्मचारियों को 28 फीसदी डीए मिलेगा। इस हिसाब से मासिक डीए 11 फीसदी तक बढ़ जाएगा। जुलाई से एक कर्मचारी के मूल वेतन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। बहाल की गई राशि का भुगतान तीन किस्तों में किया जाएगा। कोविड के कारण इसे रोक दिया गया था।
विशेष रूप से, कर्मचारियों के डीए के भुगतान को जनवरी 2020 से संशोधित नहीं किया गया है। कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2020 से 1 जनवरी 2021 के बीच की अवधि के लिए तीन किश्तों में डीए बकाया प्राप्त होगा। डीए बढ़ने से बंपर सैलरी आने की उम्मीद है।
चूंकि महंगाई भत्ते की किस्त हर छह महीने पर जारी की जाती है। एक बार 1 जनवरी से जबकि दूसरी बार 1 जुलाई से। दरअसल बढ़ती महंगाई से वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं और लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता को कम करने लगते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर 34,401 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ठाकुर ने कहा कि इस कदम से केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मचारियों तथा 65.26 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
इसका सामना करने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और अपनी जरूरत की चीजों को दाम बढ़ने के बावजूद भी खरीद पाएं। महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।