अक्टूबर में धान खरीद से पहले केन्द्र, किसानों की जमीन के रिकॉर्ड की जांच करेगा

By भाषा | Updated: September 13, 2021 21:31 IST2021-09-13T21:31:25+5:302021-09-13T21:31:25+5:30

Center will check farmers' land records before paddy procurement in October | अक्टूबर में धान खरीद से पहले केन्द्र, किसानों की जमीन के रिकॉर्ड की जांच करेगा

अक्टूबर में धान खरीद से पहले केन्द्र, किसानों की जमीन के रिकॉर्ड की जांच करेगा

नयी दिल्ली, 13 सितंबर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का व्यापारियों को नहीं बल्कि लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे इस बात को सुनिश्चित करने के लिए पहली बार केंद्र ने धान की खरीद से पहले जमीन का रिकॉर्ड देखने का फैसला किया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि असम, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अधिकांश खरीद वाले राज्य इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने इस मकसद से केंद्र की शीर्ष खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के साथ डिजिटल भूमि रिकॉर्ड साझा कर लिया है।

पांडे ने जोर देते हुये कहा कि यह नया तंत्र किसानों के हित में है और किसानों द्वारा अपनी जमीन में या किराए की जमीन में की जाने वाली खेती की फसल सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के लिए जमीन का मालिक होना या न होना जरूरी नहीं है। अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि पूरी सोच इस बात को जांचने के लिए है कि कितने क्षेत्र में कितनी खती की गई है और तदनुसार इसकी खरीद की जायेगी। इसे ध्यान में रखते हुये डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को एफसीआई के साथ केंद्रित रूप से जोड़ा गया है जो खरीद प्रक्रिया के दौरान मदद करेगा।

इस पूरी प्रणाली को अपनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि सरकार वास्तविक किसानों से ही फसल खरीदे व्यापारियों से नहीं।

सचिव के मुताबिक, ''पंजाब समेत ज्यादातर राज्य पूरी तरह तैयार हैं.'' हर राज्य चाहता है कि किसानों को खरीद प्रक्रिया से लाभ मिले न कि व्यापारियों को। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों तक पहुंचे न कि व्यापारियों तक।

मीडिया ब्रीफिंग में मौजूद कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार का इरादा यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक किसानों को एमएसपी खरीद का लाभ मिले, जिसे सरकार ने पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में रिकॉर्ड 879.01 लाख टन धान 1,65,956.90 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर खरीद की गई, जबकि विपणन वर्ष 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में रिकॉर्ड 389.93 लाख टन गेहूं की 75,060 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर की गई है।

उन्होंने कहा कि ये प्रयास पिछले पांच वर्ष में केवल किसानों के हित में किए जा रहे हैं और सरकार चाहती है कि एमएसपी का लाभ वास्तविक किसानों तक पहुंचे।

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Web Title: Center will check farmers' land records before paddy procurement in October

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