सीसीआई ने 2016 के जाट आंदोलन के दौरान हवाई किराया बढ़ने की शिकायत का मामला बंद किया
By भाषा | Updated: June 8, 2021 21:54 IST2021-06-08T21:54:46+5:302021-06-08T21:54:46+5:30

सीसीआई ने 2016 के जाट आंदोलन के दौरान हवाई किराया बढ़ने की शिकायत का मामला बंद किया
नयी दिल्ली, आठ जून भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने वर्ष 2016 के जाट आंदोलन के दौरान कुछ हवाई मार्गों पर एयरलाइन कंपनियों द्वारा आपसी साठगांठ के तहत किराया बढ़ाने को लेकर की गई शिकायत का मामला बंद कर दिया। सीसीआई ने 338 उड़ानों का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद यह कदम उठाया है।
उचित व्यापार व्यवहार नियामक ने इस संबंध में प्राप्त शिकायत के बाद विस्तृत जांच शुरू की थी। शिकायत में कहा गया था कि फरवरी 2016 में जाट आंदोलन के समय कुछ हवाई मार्गों पर यात्रा किराया काफी बढ़ा दिया गया था। इसके बाद सीसीआई के महानिदेशक ने इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और गो एयर (अब गो फर्स्ट) के खिलाफ विस्तृत जांच शुरू की थी।
जेट एयरवेज को इस जांच से अलग रखा गया क्योंकि कंपनी ने अप्रैल 2019 में काम बंद कर दिया और यह दिवाला प्रक्रिया के तहत चली गई।
सीसीआई ने विस्तृत जांच के बाद अपने 15 पन्ने के आदेश में कहा, ‘‘जाट आंदोलन के दौरान 18 से 23 फरवरी 2016 के बीच विमान कंपनियों के बीच साठगांठ होने का कोई सबूत रिकार्ड में नहीं है। जो भी तथ्य सामने हैं उनके मुताबिक आयोग को महानिदेशक (डीजी) द्वारा रिकार्ड की गई जांच से असहमत होने की कोई वजह नहीं लगती है।’’
डीजी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक चार एयरलाइन कंपनियों द्वारा सौंपी गई सूचना का विश्लेषण करने के बाद उनके बीच किसी तरह की एकरूपता अथवा किसी खास तरह का रुझान नहीं दिखाई देता है।
‘‘ ... डीजी की रिपोर्ट से पता चलता है कि डीजी ने 338 उड़ानों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है ताकि किसी तरह के खास रुझान अथवा मूल्यों में सामनता अथवा आपसी गठजोड़ वाले व्यवहार का पता किया जा सके। जांच के दौरान प्रत्येक एयरलाइन द्वारा हासिल राजस्व, प्रति टिकट औसत मूल्य, बुकिंग की तिथियां, कुल बेची गई सीटें। यह विश्लेषण छह मार्गों पर किया गया -- दिल्ली- अमृतसर, अमृतसर- दिल्ली, दिल्ली- जयपुर, जयपुर- दिल्ली, दिल्ली- चंडीगढ और चंडीगढ़ - दिल्ली इसमें शामिल हैं।
इस दौरान जाट आंदोलन की वजह से इन क्षेत्रों के लिये हवाई यात्रा की ऊंची मांग थी।
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