नई दिल्ली, 12 अप्रैलः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 31 बैंकों के एक कंसोर्टियम से मेहुल चोकसी और उनकी कंपनियों द्वारा 5,280 करोड़ रुपये के एक और ऋण की जांच की जा रही है। ये मामला पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से अलग हटकर है। वहीं, सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में केनरा बैंक (बहरीन शाखा) और एंटवर्प (बेल्जियम) के एक बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) के अधिकारी से पूछताछ की है।
सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ और 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। बताया जा रहा है कि लोन देने से पहले कंपनियों को एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग फॉर्म भरना होता है जोकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए गए लोन के लिए नहीं भरे गए थे।
सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों ने भारत आने से इनकार कर दिया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने अपने वकीलों को माध्यम से सीबीआई को जवाब भेजकर कहा कि वो अभी देश वापस नहीं आ सकते। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भारतीय मीडिया पर पूरे मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने का भी आरोप लगाया। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी किस देश में मौजूद हैं।