8वें वेतन आयोग के गठन को कैबिनेट की मंजूरी, 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को कवर, पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई चेयरमैन नियुक्त
By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 28, 2025 15:59 IST2025-10-28T15:39:23+5:302025-10-28T15:59:51+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2025 के रबी सत्र में पीएंडके उर्वरकों के लिए 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की।

अश्विनी वैष्णव
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की कार्य-अवधि को मंज़ूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "8वें केंद्रीय वेतन आयोग की संरचना, कार्य-अवधि और समय-सीमा को प्रधानमंत्री द्वारा मंज़ूरी दे दी गई है। महत्वपूर्ण निर्णय है। रक्षा सेवा कर्मियों सहित लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनभोगियों को कवर करेंगी।" उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई चेयरमैन नियुक्त है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2025 के रबी सत्र में पीएंडके उर्वरकों के लिए 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की।
#WATCH | Delhi: The Union Cabinet, chaired by PM Modi, approved the Terms of Reference of the 8th Central Pay Commission.
— ANI (@ANI) October 28, 2025
Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "The composition, the terms of reference, and the time period of the 8th Central Pay Commission have been approved by… pic.twitter.com/srQ5UYMk9N
Eighth Pay panel to submit recommendations within 18 months, likely to come into effect from January 1, 2026: I&B Minister Ashwini Vaishnaw.
Cabinet approves Rs 37,952 cr subsidy for P&K fertilisers for 2025 rabi season: Govt. pic.twitter.com/coCvKGNAEg— Press Trust of India (@PTI_News) October 28, 2025
8वाँ वेतन आयोग:
सेवा की शर्तें क्या हैं?
8वाँ वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा।
आयोग में एक अध्यक्ष, एक सदस्य (अंशकालिक) और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे।
यह अपने गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफ़ारिशें प्रस्तुत करेगा।
यदि आवश्यक हो, तो सिफ़ारिशों को अंतिम रूप दिए जाने पर यह किसी भी मामले पर अंतरिम रिपोर्ट भेजने पर विचार कर सकता है।
VIDEO | Delhi: Union Minister Ashwini Vaishnaw, addressing a Cabinet briefing, said, “As you know, the in-principle approval for the formation of the 8th Central Pay Commission was granted only recently in January, and within a short span, the commission has now been formally… pic.twitter.com/1Kd4T5FYiq
— Press Trust of India (@PTI_News) October 28, 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के कार्य-क्षेत्र एवं नियम शर्तों को मंजूरी दे दी। आयोग की सिफारिशों के एक जनवरी, 2026 से लागू होने की संभावना है। केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस आयोग को गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपनी होंगी। यह आयोग सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा। आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी।
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) बेंगलूर के प्रोफेसर पुलक घोष को आयोग का अंशकालिक सदस्य नामित किया गया है जबकि पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन इसके सदस्य-सचिव होंगे। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा, “विशिष्ट तिथि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद ही तय की जाएगी, लेकिन संभावना है कि यह एक जनवरी, 2026 से प्रभावी होगी।”
केंद्र सरकार ने जनवरी, 2025 में ही आठवें वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। उसके बाद से ही कर्मचारी संगठन इसका जल्द गठन किए जाने की मांग कर रहे थे। आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना की समीक्षा करेगा और महंगाई के अनुरूप वेतन ढांचे में संशोधन की सिफारिश करेगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी, 2015 से लागू हुई थीं।
नए वेतन आयोग कब लागू होंगे? नए वेतन या पेंशन 1 जनवरी, 2026 से पूर्वव्यापी रूप से लागू किए जाएंगे। इसका मतलब है सरल शब्दों में, कि यदि 8वां वेतन पैनल 2027 के मध्य या अंत तक अपनी सिफारिशें देता है और कार्यान्वयन 2028 की पहली तिमाही तक भी बढ़ सकता है। तो कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी नए वेतन के अनुसार बकाया मिलेगा।
वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें देने में कितना समय लगेगा? कर्मचारियों के एक संघ, केंद्रीय सचिवालय सेवा मंच (सीएसएसएफ) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तर्क दिया था कि पिछला सातवाँ वेतन आयोग अपनी कार्यान्वयन तिथि से दो साल पहले ही गठित कर दिया गया था। पिछले आयोग को अपनी रिपोर्ट के लिए व्यापक शोध और परामर्श के लिए पर्याप्त समय मिल गया था।