लाइव न्यूज़ :

खादी ग्रामोद्योग ई-विपणन मंच पर आठ माह में 1.12 करोड़ रुपये का कारोबार

By भाषा | Updated: February 27, 2021 20:01 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 27 फरवरी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के ऑनलाइन विपणन मंच ने अपनी शुरुआत के 8 महीनों में ही 1.12 करोड़ रुपये से अधिक का सकल कारोबार किया है।

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय की शनिवार को जारी एक रपट के अनुसार, गत वर्ष 7 जुलाई को शुरू किए गए खादी ई-पोर्टल ने अब तक इस पर आने वाले 65,000 लोगों में से 10,000 से अधिक ग्राहकों के ऑर्डर पर सामान पहुंचाया है। केवीआईसी ने इन ग्राहकों को एक लाख से अधिक वस्तुएं / चीज़ें वितरित की हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार, इस अवधि के दौरान, औसत ऑनलाइन खरीद 11,000 रुपये प्रति ग्राहक दर्ज की गई है, जो खादी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता और खरीदारों के सभी वर्गों के लिए इसकी उत्पाद श्रृंखला की विविधता का संकेत है। महाराष्ट्र (1785), दिल्ली (1584) और उत्तर प्रदेश (1281) में सबसे अधिक आर्डर पहुंचाए गए। इस पोर्टल पर ज्यादा बिकने वाले सामानों में खादी मास्क, शहद, हर्बल साबुन, किराना, मसाले, कपड़े और अगरबत्ती प्रमुख हैं।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने खादी के सफल ई-कॉमर्स उद्यम की सराहना करते हुए कहा कि इससे खादी व ग्रामीण उद्योग के उत्पादों की पहुंच एक बड़ी आबादी तक सुलभ कराने के लिए इसे एक व्यापक विपणन मंच प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, खादी की ई-मार्केटिंग पासा पलटने वाली पहल साबित हो रही है। गडकरी ने कहा कि इस मंच पर कारोबार प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी ई-पोर्टल के संचालन पर होने वाले सभी खर्च केवीआईसी द्वारा वहन किए जाते हैं। अन्य ई-कॉमर्स साइटों के मामले में जहां उत्पाद सूचीकरण, पैकेजिंग और प्रेषण संबंधित विक्रेताओं की जिम्मेदारी है; वहीं केवीआईसी की एक नीति है कि खादी संस्थानों और पीएमईजीपी इकाइयों को ऐसे किसी भी वित्तीय और लाजिस्टिक्स के बोझ से मुक्त किया जाता है।

उन्होंने कहा, इससे उनके पास बहुत पैसा बचता है और इसलिए खादी का ई-पोर्टल लाखों खादी कारीगरों के लिए एक अनूठा मंच है।

खादी की ऑनलाइन बिक्री केवल खादी के फेस मास्क बनाने के साथ शुरू हुई थी, लेकिन इसने इतनी जल्दी ही पूरी तरह से विकसित ई-मार्केट मंच का रूप धारण कर लिया है। आज इस पर लगभग 800 उत्पाद मौजूद हैं और बहुत से उत्पाद इसमें शामिल होने की प्रक्रिया में हैं। उत्पादों की श्रृंखला में हाथ से कते और हाथ से बुने महीन कपड़े जैसे मलमल, सिल्क, डेनिम और सूती कपड़े, महिला - पुरुष वस्त्र, खादी की सिग्नेचर कलाई घड़ी, अनेक प्रकार के शहद, हर्बल और ग्रीन टी, हर्बल दवाएं और साबुन, पापड़, कच्ची घानी सरसों का तेल, गोबर / गोमूत्र साबुन एवं अन्य पदार्थों के साथ विविध प्रकार के हर्बल सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टपत्नी के चरित्र पर शक, झगड़ा कर मायके गई, वापस लौटने का दबाव बनाने के लिए 9 साल की बेटी की गला घोंटकर पति ने मार डाला

भारतकांस्टेबल भर्ती में पूर्व अग्निवीरों का कोटा 10 से बढ़ाकर 50 फीसदी, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ परीक्षा में की घोषणा, आयु सीमा में 5 साल तक की छूट

क्राइम अलर्टखेत में खेल रही थीं 6-8 साल की 2 मासूम बहन, चॉकलेट का लालच देकर चालक सर्वेश ने ऑटो में बैठाया और बड़ी बहन से किया हैवानियत, फ्लाईओवर से कूदा, दोनों पैर की हड्डियां टूटी

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 21 December 2025: आज मेष, वृषभ और मिथुन समेत 6 राशिवालों को आर्थिक लाभ होने के संकेत

पूजा पाठPanchang 21 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPost Office Scheme: 1000 हजार रुपये से शुरू करें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 5 साल बाद मिलेगा 4 लाख का निवेश; जानें कैसे मिलेगा फायदा

कारोबारअब UPI और ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, जानें तरीका और इसके फायदे

कारोबारखरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए, किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन की केन्द्र ने दी स्वीकृति

कारोबारGold Rate Today: आज का सोने का रेट, जानें 20 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारबिहार के सिल्क सिटी भागलपुर में फीकी पड़ रही है रेशम के धागों की चमक, जूझ रहा है आधुनिक तकनीक और बाजार की चुनौतियों से