बुनियादी ढांचा क्षेत्र का बजट बढ़ा, स्वास्थ्य क्षेत्र का आवंटन दोगुना से अधिक
By भाषा | Published: February 1, 2021 08:13 PM2021-02-01T20:13:03+5:302021-02-01T20:13:03+5:30
नयी दिल्ली, एक फरवरी कोरोना वायरस की मार से प्रभावित अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार ने अगले वित्त वर्ष में बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन को दोगुना से अधिक कर दिया है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने व्यक्तिगत या कॉरपोरेट कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ वाहन कलपुर्जों, मोबाइल फोन कलपुर्जों और सौर पैनल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है।
इसके साथ ही सरकार ने कुछ आयातित उत्पादों पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर (एआईडीसी) लगाने की घोषणा की है। चांदी, शराब, रसायन, कपास और सेब से लेकर दाल तक नया कृषि उपकर लगाया जाएगा।
हालांकि, उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने के लिए इन उत्पादों पर सीमा शुल्क या आयात शुल्क घटाया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए सेवानिवृत्ति कोष (भविष्य निधि कोष) पर कर-मुक्त ब्याज की सीमा को वार्षिक 2.5 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है। हालांकि, अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर कर छूट देने की घोषणा की है, बशर्ते व्यक्ति ने निर्धारित प्रकार के यात्रा खर्च किए हों।
पिछले बजट में वित्त मंत्री ने पीएफ, राष्ट्रीय पेंशन योजना या किसी अन्य सेवानिवृत्ति कोष में नियोक्ता की तरफ से 7.5 लाख रुपये वार्षिक से ऊपर के योगदान को कर्मचारी पर कर-योग्य किया था।
सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से राहत भी दी है। 75 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोग, जिनकी आमदनी का स्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज आय है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए उनका बैंक एक ही होना चाहिए।
वित्त मंत्री ने अपना लगातार तीसरा बजट पेश करते हुए बुनियादी ढांचा क्षेत्र में पूंजी के सृजन के लिए 5.54 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इनमें से 1.18 लाख करोड़ रुपये सड़क एवं राजमार्ग क्षेत्र तथा 1.08 लाख करोड़ रुपये रेलवे को आवंटित किए गए हैं। यह आवंटन पिछले साल से करीब 37 प्रतिशत अधिक है।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आवंटन बढ़ाने का मकसद अर्थव्यवस्था में मांग पैदा करना और रोजगार सृजन को समर्थन देना है।
बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान के वित्तपोषण तथा देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को काफी बढ़ाया गया है।’’
सरकार अगले वित्त वर्ष में विनिवेश तथा मौद्रिकरण से अतिरिक्त संसाधन जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
बजट में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री और निजीकरण के जरिये अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
नए कृषि उपकर से 30,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में बजट संबोधन में कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत के बराबर रह सकता है।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 9.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है।
सरकार ने महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए अधिक खर्च किया है, जिसकी वजह से राजस्व संग्रह प्रभावित हुआ है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा अनुमान से कहीं ऊपर भाग जाने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को राजकोषीय समर्थन कम से कम तीन साल तक जारी रहेगा। हालांकि उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है।
सीतारमण ने कहा कि कृषि सुधारों की रफ्तार को जारी रखा जाएगा। इसके तहत उन्होंने कृषि ऋण के विस्तार, ‘ऑपरेशन ग्रीन’ के तहत जिंस विस्तार तथा कृषि संरचना कोष (एआईएफ) का विस्तार कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) तक करने की घोषणा की।
सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है।
इसके अलावा प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ से होने वाली आय पर कराधान में अंतर के संदर्भ में राहत देते हुए सामंजस्य वाले नए नियमों को अधिसूचित करने की घोषणा की है।
साथ ही बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा। इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा।
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क की कटौती से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी। वहीं कुछ लौह एवं इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क बढने से रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों की घोषणा की।
वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का कृषि उपकर लगाने की भी घोषणा की है। लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया गया है।
बजट में आयकर के पुन: आकलन के लिये समयसीमा को घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अब तक छह साल पुराने मामलों को दोबारा खोला जा सकता था। हालांकि यदि किसी साल में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की अघोषित आय के सबूत मिलते हैं, तो उस मामले में 10 साल तक भी पुन: आकलन किया जा सकता
पहले से भरे पूंजीगत लाभ और ब्याज आय के जरिये निवेशकों के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सुगम किया गया है।
सीमा शुल्क की दरों और प्रक्रियाओं को सुगम करने की कुछ साल पहले शुरुआत हुई थी। वित्त मंत्री ने इस बार के बजट में 400 सीमा शुल्क रियायतों की समीक्षा की घोषणा कर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।
बजट दस्तावेज में कहा गया है कि जीडीपी के अनुपात में सरकार का पूंजीगत व्यय 2019-20 में 1.7 प्रतिशत रहा था। 2020-21 में इसके 2.3 प्रतिशत तथा 2021-22 में 2.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। यह 17 साल का उच्चस्तर होगा। इससे मध्यम अवधि की वृद्धि संभावनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
वित्त मंत्री ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बोझ से दबे तथा देश की आर्थिक वृद्धि को नीचे खींच रहे सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिये 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये।
सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा/भुगतान के बाद ही बनेगी।
नए उपकर पर वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा, ‘‘हमने 14-15 उत्पादों पर कृषि उपकर लगाया है। इसके जरिये हमें 30,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।’’
इसके साथ ही स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है।
बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कलपुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायर व केबल, सोलर इन्वर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की गई है।
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