गुरूवार को लोकसभा में बजट में पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई बड़ी घोषणाएं की। इनमें कृषि, मेडिकल, शिक्षा सहित कई अन्य क्षेत्रों की योजनाएं शामिल हैं। वहीं उन्होंने क्रिप्टो करेंसी के भारत में चलन को लेकर साफ तौर पर कहा कि देश में बिटकॉइन जैसी कोई करेंसी नहीं चलेगी। अरुण जेटली की इस बात के बाद साफ हो गया है कि बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा बनाने वाले लोगों को एक बड़ा झटका लगा है।
दुनिया के कई देशों में क्रिप्टो करेंसी चलन में है, लेकिन अन्य देशों की तरह भारत में भी यह सरकार के नियत्रंण से बाहर है। देश में तेजी से इसका उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन लगता है अब यह जल्द ही ये पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो जाएगी।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जिसे वर्चुअल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। यह साल 2009 से चलन में है। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।
दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है। इसको जमा करना माइनिंग कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर की जा सकता है। यह किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट हो सकती है। जैस- रुपये, येन, डॉलर, यूरो आदि।