बिम्सटेक ने कृषि सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया
By भाषा | Published: August 31, 2021 08:09 PM2021-08-31T20:09:09+5:302021-08-31T20:09:09+5:30
आर्थिक संगठन बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशियेटिव फोर मल्टी-सेक्टोरल टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक कोओपरेशन) ने सदस्य देशों के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में परस्पर भागीदारी बढ़ाने और सहयोग को गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वर्ष 1997 में स्थापित, बिम्सटेक एक अंतर-क्षेत्रीय समूह है जिसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी के तटीय और आस-पास के क्षेत्रों के देशों के बीच क्षेत्रीय एवं आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके सदस्य देशों में भारत, थाईलैंड, म्यामां, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान शामिल हैं। काठमांडू में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए आयोजित बिम्सटेक राष्ट्राध्यक्षों के चौथे शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने विश्व स्तर पर कृषि और खाद्य प्रणालियों में हो रहे बदलावों के बारे में बात की। बैठक में महापात्र के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच जुड़ाव बढ़ाने और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने का आह्वान किया।’’ उन्होंने जैव संरक्षा एवं जैव सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर ध्यान देने के अलावा ज्ञान, जर्मप्लाज्म, छात्रों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करके सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। महापात्र ने प्रतिकूल परिस्थितियों में होने वाली खेती, खाद्य प्रणाली और मूल्य श्रृंखला को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकियों के व्यापार के साथ-साथ 'डिजिटल कृषि' को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बिम्सटेक सदस्य देशों ने कृषि में मास्टर और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति के छह स्लॉट की पेशकश करने और बीज क्षेत्रों के विकास सहित क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए अन्य पहलों की पेशकश करते हुए भारत की व्यापक भागीदारी की सराहना की। म्यामां सरकार में योजना विभाग में उप महानिदेशक थांडा की, बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड के कृषि मंत्रालयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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