बेंगलुरुः जीरोधा के अरबपति सीईओ नितिन कामत ने अपने ससुर शिवाजी पाटिल की ट्विटर पर तस्वीर शेयर की है जो किराने की दुकान चलाते हैं। इस तस्वीर के साथ कामत ने सिलसिलेवार ट्वीट में उनके व्यक्तित्व की चर्चा की है। उन्होंने बताया कि जब संघर्ष कर रहे थे, उनकी बेटी का हाथ मांगा था तब वह सरकारी नौकरी करने के लिए कहा था।
नितिन कामत ने बताया कि वह भारतीय सेना में थे और कारगिल युद्ध के दौरान अपनी उंगलियां गंवाने के बाद स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली थी। इसके बाद उन्होंने बेलगाम में एक किराने की दुकान शुरू की।
जीरोधा सीईओ ने कहा कि उनकी उम्र 70 साल की है लेकिन दुकान के लिए किराने का सामान खरीदने के लिए (विशेष रूप से विकलांगों के लिए) अपने दशकों पुराने स्कूटर से रोजाना स्थानीय बाजार जाते हैं। कामत ने कहा कि उनकी एकमात्र मददगार मेरी सास हैं, जो दुकान चलाने और घर संभालने में उनकी मदद करती हैं।
कामत ने ट्वीट में आगे बताया कि ससुर ने सीमा (पत्नी) और मेरी सफलता के बाद भी काम बंद करने से मना कर दिया। जब मैं उनसे दुकान में विभिन्न उत्पादों के मार्जिन के बारे में पूछता हूं, तब भी उनकी आंखों में एक चमक होती है। वह चिक्की पर 25% मार्जिन के बारे में बताते हैं। 200 रुपये में एक बॉक्स खरीदते हैं और उन्हें अलग-अलग 250 रुपये में बेचते हैं।
कामत ने आगे कहा कि उनकी ना किसी चीज की चाहत है और ना ही इसकी शिकायत करते हैं। यहाँ तक कि युद्ध में अपनी उँगलियाँ गंवाने के बारे में भी नहीं। कामत ने अपनी शादी को लेकर कहा कि "2007 में जब मैंने शादी के लिए उनसे उनकी बेटी का हाथ मांगा था तब उन्होंने मुझे सरकारी नौकरी करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की थी। उस वक्त मैं संघर्ष कर रहा था।''
मुझे इसमे कोई शक नहीं कि संतुष्ट रहना है और मानसिक और शारीरिक रूप से सक्रिय होना कभी बंद नहीं करना है। पैसा इसे नहीं खरीद सकता और वह सबसे अच्छा उदाहरण हैं।