पटनाः बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में राज्य के औद्योगिक, तकनीकी और शहरी विकास को दिशा देने वाले कई बड़े फैसलों को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और चीनी मिल नीति से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें बिहार के युवाओं के लिए बड़ा फैसला लिया गया। युवाओं के रोजगार और पलायन पर फोकस करते हुए 6 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। जानकारी के मुताबिक, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आज उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है।
यह समिति राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने से संबंधित योजनाओं पर काम करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक्स हैंडल के जरिये एक पोस्ट भी शेयर किया। उन्होंने लिखा कि राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हम लोगों की प्राथमिकता रही है।
सात निश्चय-2 के तहत वर्ष 2020-25 के बीच राज्य में 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार दिया गया है। अगले 5 सालों (2025-30) में हम लोगों ने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नई सरकार के गठन के बाद राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के लिए हम लोगों ने तेजी से काम शुरू कर दिया है।
बदलते बिहार के विकास की गति को जोर देने के लिये बिहार में टेक्नोलॉजी और सेवा आधारित नवाचारों की न्यू ऐज इकोनॉमी के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस क्षेत्र की बिहार से संबंध रखने वाले लीडिंग उद्यमियों के सुझाव लेकर योजनाओं और नीतियों का निर्धारण किया जाएगा।
बैठक के बाद मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि आज की बैठक पूरी तरह ‘‘उद्योगों का जाल बिछाने और बड़ी संख्या में रोजगार सृजन’’ पर केंद्रित रही। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बिहार को अगले पांच वर्षों में पूर्वी भारत का सबसे बड़ा टेक हब बनाया जाए।
इसके लिए आज की कैबिनेट मीटिंग में कार्य योजना के निर्माण और उसके कार्यान्वयन का अनुश्रवण करने के लिए शीर्ष समिति के गठन को स्वीकृति मिली है। राज्य में नए चीनी मिल की स्थापना एवं पुराने बंद पड़े चीनी मिलों के पुनरुद्धार से संबंधित नीति निर्धारण/कार्य योजना हेतु मुख्य सचिव बिहार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया गया।
मुख्य सचिव प्रत्यय ने बताया कि इस बार सरकार का पूरा फोकस चीनी मिलों पर है। कैबिनेट के फैसलों में बंद पड़ी चीनी मिलों को लेकर भी बड़ा निर्णय शामिल है। बिहार में बंद पड़ी 9 सरकारी चीनी मिलों को फिर से खोला जाएगा। इसके साथ ही कुल 25 चीनी मिलों को चालू करने पर सहमति दी गई है।
सरकार का मानना है कि इससे उद्योग, कृषि-आधारित रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई चीनी मिलों की स्थापना और बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू करने को लेकर सरकार गंभीर है। चीनी मिलों के विकास से गन्ना किसानों को उच्चतर रिटर्न और रोजगार के अधिक अवसर पैदा हो सकेगा।
प्रत्यय अमृत ने कहा कि स्टार्टअप खड़ा करने वाले युवाओं को रोजगार बढ़ाने की दिशा में सरकार सहयोग लेगी और युवाओं को उद्यमिता के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही बिहार में टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार के विस्तार के लिए ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’ की स्थापना को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।
इससे राज्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में विकसित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि इसके आथ ही कैबिनेट की बैठक में नगरीय विकास से जुड़े अहम प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है। पटना, सोनपुर, सीतामढ़ी सहित कुल 11 शहरों में नए सैटेलाइट टाउनशिप और ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित करने की योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
9 प्रमंडल मुख्यालय शहर और सोनपुर एवं सीतामढ़ी में सीतापुरम बनेगा। इसका उद्देश्य आधुनिक शहरी ढांचे का निर्माण, निवेश आकर्षित करना और नए रोजगार अवसर तैयार करना है। इसके अलावा कैबिनेट ने निर्णय लिया कि बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी।