नयी दिल्ली, नौ सितंबर भारत अगले महीने से शुरू होने वाले नये चीनी सत्र में विश्व बाजार में चीनी की ऊंची कीमतों का लाभ उठाते हुये 60 लाख टन चीनी का निर्यात कर सकता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन इस्मा ने बृहस्पतिवार को यह कहा है।
देश ने वर्ष 2020-21 के सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के पहले 11 महीनों में लगभग 66.7 लाख टन चीनी का निर्यात किया है जो कि इससे पिछले साल किए गए 55.7 लाख टन के निर्यात से कहीं अधिक है।
मौजूदा चीनी सत्र में कुल चीनी निर्यात 70 लाख टन के पार हो सकता है।
इस्मा ने कहा कि ब्राजील में उत्पादन में संभावित गिरावट के कारण अगले सत्र में विश्व बाजार में चीनी की कमी की संभावना को देखते हुए इसकी वैश्विक कीमतें चार साल के उच्च स्तर लगभग 20 सेंट प्रति पौंड पर चल रही हैं।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा, "इसका मतलब यह होगा कि भारतीय चीनी मिलों के पास अगले कुछ महीनों में जनवरी 2022 तक और उसके बाद अप्रैल 2022 तक ब्राजील की चीनी बाजार में आने से पहले अपनी अधिशेष चीनी का निर्यात करने का अच्छा अवसर होगा।"
कई चीनी मिलों ने आगामी सत्र में निर्यात के लिए वायदा अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस्मा ने कहा, ‘‘इसलिए यह माना जाता है और अपेक्षित है कि भारतीय चीनी मिलें इस अवसर का लाभ उठाएंगी और अगले सत्र में भी 60 लाख टन तक चीनी का निर्यात करने की स्थिति में होंगी।
इसके अलावा, थाईलैंड में चीनी उत्पादन अपने पिछले वर्षों की तुलना में अगले सत्र में बढ़ने की संभावना है, लेकिन फिर भी यह अपने सामान्य उत्पादन 1.4-1.45 करोड़ टन से लगभग 30-35 लाख टन कम ही रहेगा। इस्मा ने कहा, थाईलैंड की चीनी जनवरी 2022 के बाद ही बाजार में आएगी।
इस्मा के अनुसार, इस महीने खत्म हो रहे 2020-21 सत्र में अगस्त तक देश ने 66.7 लाख टन चीनी का निर्यात किया। इसमें से 62.2 लाख टन खाद्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित कोटे के तहत और कुछ मात्रा खुले सामान्य लाइसेंस के तहत निर्यात की गई।
छह सितंबर तक 2,29,000 टन चीनी बंदरगाहों पर थी, जिसका या तो जहाजों पर लदान हो गया था या जो मालवाहक पोतों के इंतजार में गोदामों में पड़ी थी।
इस्मा ने कहा, "इसका मतलब यह होगा कि मौजूदा सत्र में 20 दिन और बचे होने को देखते हुये कुल निर्यात 70 लाख टन के पार हो सकता है।"
इस्मा ने कहा कि कुल निर्यात में, भारत से 34.2 लाख टन कच्ची चीनी, 25.6 लाख टन सफेद चीनी और 1,88,000 टन परिष्कृत चीनी का निर्यात किया गया।
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