साल के अंतिम महीनों में बेहतर जीएसटी संग्रह से राजस्व में कमी का अनुमान नीचे आ सकते हें: वित्त सचिव

By भाषा | Updated: February 2, 2021 21:58 IST2021-02-02T21:58:20+5:302021-02-02T21:58:20+5:30

Better GST collections in the last months of the year can bring down the revenue reduction estimates: Finance Secretary | साल के अंतिम महीनों में बेहतर जीएसटी संग्रह से राजस्व में कमी का अनुमान नीचे आ सकते हें: वित्त सचिव

साल के अंतिम महीनों में बेहतर जीएसटी संग्रह से राजस्व में कमी का अनुमान नीचे आ सकते हें: वित्त सचिव

नयी दिल्ली, दो फरवरी वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ महीनों में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में सुधार के साथ राज्यों के राजस्व में कमी का अनुमान घटने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि भविष्य निधि में कर्मचारियों के सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को कर के दायरे में लाने के बजट के प्रस्ताव का मकसद विसंगतियों को दूर करना है और यह समानता के सिद्धांत पर आधारित है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में बड़ी राशि जमा करने वालों को योजना में 8 प्रतिशत की सुनिश्चित आय पर कर का भुगतान करना चाहिए।

बजट प्रस्ताव के अनुसार एक अप्रैल, 2021 से भविष्य निधि में कर्मचारियों के सालाना 2.5 लाख रुपये से अधिक योगदान पर मिलने वाला ब्याज कर के दायरे में आएगा।

पांडे ने कहा कि जिन लोगों की सालाना आय 25 लाख रुपये से कम है, वे बिना कर का भुगतान किये गये ईपीएफ में 12 प्रतिशत जमा कर सकते हैं।

पांडे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘व्यवस्था में कुछ विसंगतियां हैं...कुछ मामलों में देखा गया कि लोग कोष में करोड़ों रुपये डाल रहे हैं और आपको आठ प्रतिशित निश्चित रिटर्न मिल रहा है। यह समानता का सवाल है। यह समानता के सिद्धांत के खिलाफ है। अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा है, आप निवेश कीजिए, लेकिन आपको कर देना होगा।’’

ईपीएफओ के करीब छह करोड़ अंशधारकों में से एक प्रतिशत लोग 2.5 लाख रुपये से अधिक सालाना जमा करते हैं।

पांडे ने कहा कि बजट में कर राजस्व में 16.67 प्रतिशत का अनुमान उचित है और बैंक तथा डाक घर के ब्याज, सूचीबद्ध प्रतिभूतियों पर पूंजी लाभ तथा लाभांश आय के ब्योरे के साथ पहले से भरा आयकर रिटर्न फार्म अगले वित्त वर्ष से उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी संग्रह के मामले में इस साल हालांकि अंतिम कुछ महीनों में सुधार हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि अगले साल भी राज्यों के राजस्व में हानि की भरपायी की जरूरत रहेगी। लेकिन संग्रह में सुधार के साथ क्षतिपूर्ति की जरूरत कम होगी।’’

उल्लेखनीय है कि जनवरी लगातार चौथा महीना है जब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर संग्रह हुआ है। यह मजबूत पुनरूद्धार का संकेत है।

जनवरी महीने में जीएसटी संग्रह करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये रहा जो अबतक का सर्वोच्च स्तर है। वहीं दिसंबर 2020 में यह 1.15 लाख करोड़ रुपये था।

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