लाइव न्यूज़ :

सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल बनें बैंक: सीतारमण

By भाषा | Updated: September 12, 2021 14:24 IST

Open in App

तूतीकोरिन (तमिलनाडु), 12 सितंबर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों (निजी क्षेत्र सहित) को डिजिटलीकरण को तेजी से अपनाना चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों और समाज के पिछड़े तबकों तक पहुंच सके।

तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने रविवार को कहा कि महामारी के दौरान बैंकिंग प्रतिनिधियों (कॉरस्पॉन्डेंट) के जरिये, डिजिटल के इस्तेमाल से जरूरतमंद लोगों के ब्योरे के सत्यापन के बाद सरकार की वित्तीय मदद उन तक पहुंच सकी।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इस बात को जानते हैं कि बैंकिंग महत्वपूर्ण है। इसलिए उन्होंने जनधन योजना के तहत शून्य शेष वाले बैंक खाते को अनुमति देने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक के पास बैंक खाता हो और वह रुपे कार्ड के जरिये लेनदेन कर सके।’’

सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों के बैंक खातों में तीन किस्तों में 1,500 रुपये डाले हैं और ‘‘डिजिटलीकरण के जरिये बैंकिंग क्षेत्र में काफी तेजी से बदलाव हो रहे हैं।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि आज ऐसे स्थान पर बैंक शाखा खोलने की जरूरत नहीं है, जहां बैंक नहीं है। आज हम वहां रहने वाले लोगों के बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं। सभी तरह की प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं। तूतीकोरिन में बैठकर भी कोई किसी छोटे गांव में रहने वाले व्यक्ति की बैंकिंग जरूरत को प्रौद्योगिकी के जरिये पूरा कर सकता है।

उन्होंने कहा कि आज तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक जैसे बैंकों के लिए प्रौद्योगिकी से संबंधित समाधान अपनाना बेहद जरूरी है ताकि वे अधिक दक्ष बन सकें।

सीतारमण ने कहा, ‘‘बैंकिंग के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। मेरा मानना है कि डिजिटलीकरण पूर्ण होना चाहिए। आपके खुद के तथा ग्राहकों की दृष्टि से डिजिटलीकरण जरूरी है। तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को अपने सभी ग्राहकों को इससे जोड़ना चाहिए और वित्तीय समावेशन का कार्यान्वयन करना चाहिए।’’

सीतारमण ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक की एक लाभार्थी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के बाद कहा कि आप एक ऐसी महिला को चेक दे रहे हैं, जो इडली बेचने का कारोबार करती है। आप यह वित्तीय सहायता इस वजह से दे पाए क्योंकि प्रधानमंत्री जनधन जैसी कोई योजना है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि यह योजना नहीं होती तो आप यह सहायता नहीं दे पाते। यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू हुई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 1st T20I: टीम इंडिया का टी20 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक की हार का सिलसिला खत्म करना है लक्ष्य

भारतGoa Nightclub Fire: आग लगने के कुछ घंटों बाद मालिक इंडिगो फ्लाइट से फुकेट भागा, हादसे में 25 लोगों की हुई मौत

भारतVIDEO: कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेक दिए, पीएम मोदी...

भारतVIDEO: कांग्रेस महिला विरोधी है, अपशब्द बोलते रहते हैं, कंगना रनौत...

भारतVIDEO: नेहरू ने इसरो नहीं बनाया होता आपका मंगलयान ना होता, लोकसभा में प्रियंका गांधी

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारGold Rate Today: महंगा हुआ सोना, जानें 8 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारविधानसभा में 75,286 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें पेश, वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा-किसान राहत, सब्सिडी और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर होंगे खर्च

कारोबारझारखंड 2026ः वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने 7,721.25 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया

कारोबारनवंबर 2025 में बैंक आवास ऋण 9 लाख करोड़ रुपये के पार, एसबीआई की उम्मीद-चालू वित्त वर्ष में कुल ऋण वृद्धि 14 प्रतिशत रहेगी

कारोबारगोल्ड में पैसा लगाओ और मालामाल हो जाओ?, सोने की चमक बरकरार, 67 प्रतिशत का रिटर्न, 2026 में सोने की कीमत 5 से 16 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम और चढ़ सकती?