नयी दिल्ली, चार अप्रैल वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बैंकों ने पिछले पांच साल में महिलाओं और अनुसूचित जाति तथा जनजाति के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत लगभग 1,14,322 लाभार्थियों को 25,586 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए पांच अप्रैल 2016 को स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की गई थी। इस योजना का उद्धेश्य आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना का विस्तार 2025 तक किया गया है और इसके तहत 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का ऋण पाया जा सकता है।
बयान में बताया गया कि इस योजना के तहत सीधे बैंक से, स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल से या लीड जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से ऋण हासिल किया जा सकता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।