त्योहारी के अलावा डीओसी की स्थानीय मांग बढ़ने से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: August 8, 2021 12:51 IST2021-08-08T12:51:28+5:302021-08-08T12:51:28+5:30

Apart from the festival, local demand of DOC increased due to increase in oil-oilseeds prices last week. | त्योहारी के अलावा डीओसी की स्थानीय मांग बढ़ने से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

त्योहारी के अलावा डीओसी की स्थानीय मांग बढ़ने से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, आठ अगस्त विदेशी बाजारों में सामान्य कारोबारी रुख के बीच तेल रहित खल की भारी स्थानीय और निर्यात मांग से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन दाना, सोयाबीन लूज, मूंगफली दाना (सभी तिलहन फसल) के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए जबकि मांग होने के बावजूद सामान्य घटबढ़ वाले कारोबार के दौरान ज्यादातर खाद्य तेलों के भाव घाटे के साथ या पूर्ववत बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह विदेशों के अलावा ज्यादातर स्थानीय स्तर पर सरसों, मूंगफली और सोयाबीन सहित विभिन्न फसलों के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी स्थानीय मांग होने से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन दाना एवं सोयाबीन लूज जैसी तिलहन फसलों में पर्याप्त सुधार देखा गया। दूसरी ओर मांग होने के बावजूद सामान्य घटबढ़ वाले कारोबार के दौरान अपने बीते सप्ताहांत के मुकाबले पिछले सप्ताहांत सरसों दादरी, सरसों पक्की एवं कच्ची घानी, सोयाबीन दिल्ली, इंदौर एवं डीगम, मूंगफली गुजरात, मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड जैसे खाद्य तेलों में गिरावट आई।

इस साल गत वर्ष के मुकाबले डीओसी निर्यात में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि होने से डीओसी की कमी है। घरेलू स्तर पर भी इसकी मांग काफी है जिससे सभी प्रमुख तिलहन कीमतों में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम का भाव 1,352 डॉलर प्रति टन का था जो अब घटकर 1,302 डॉलर प्रति टन रह गया जिसकी वजह से बाकी तेल कीमतों में भी गिरावट का रुख कायम हो गया। जबकि मलेशिया एक्सचेंज में सुधार रहने और मांग होने के कारण सीपीओ तेल के भाव भी लाभ के साथ बंद हुए।

बीते सप्ताह बिनौला तेल कीमतों में गिरावट रही।

सूत्रों ने कहा कि सामान्य घटबढ़ वाले कारोबार के दौरान मांग होने के बावजूद समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दादरी के भाव पूर्ववत रहे जबकि सरसों पक्की एवं कच्ची घानी तेल के भाव मामूली गिरावट दर्शाते बंद हुए।

उन्होंने कहा कि पामोलीन तेल की मांग कमजोर रहने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में पामोलीन दिल्ली की कीमत में गिरावट आई जबकि पामोलीन कांडला तेल पूर्ववत रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि देश में सरसों की रोजाना आवक लगभग एक लाख 60 हजार से दो लाख बोरी की है जबकि खपत के लिए रोजाना मांग लगभग 3.5 लाख बोरी की है। इसके अलावा इस बार किसानों को छोड़कर सहकारी संस्थाओं और व्यापारियों के पास स्टॉक नहीं है। ऐसे में आगामी सर्दियों और त्योहारी मांग का इंतजाम करने के लिए सहकारी संस्था हाफेड और नाफेड को अभी से बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर स्टॉक बना लेना चाहिये।

उन्होंने कहा कि पिछले साल इन सहकारी संस्थाओं के पास अपने पहले के साल के बचे हुए स्टॉक को मिलाकर लगभग 20-22 लाख टन सरसों का स्टॉक था और ये संस्थायें रोजाना 2-2.5 लाख बोरी सरसों बेच रही थीं। लेकिन इस बार सरसों की सर्दियों और त्योहारी मांग को तो आयात से भी पूरा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसकी पैदावार और कहीं नहीं होती और इसका कोई विकल्प भी नहीं है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन दाने की कमी की वजह से सोयाबीन की 80-85 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की मांग को देखते हुए सरकार को सरसों का स्टॉक अभी से बना लेना चाहिये।

बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 75 रुपये का लाभ दर्शाता 7,850-7,900 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 7,775-7,825 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव 15,550 रुपये प्रति क्विन्टल पर अपरिवर्तित बना रहा।

सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 5-5 रुपये की मामूली गिरावट के साथ क्रमश: 2,525-2,575 रुपये और 2,610-2,720 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी स्थानीय और निर्यात मांग के कारण सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 150 रुपये और 225 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 10,100-10,200 रुपये और 10,000-10,050 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

दूसरी ओर कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम का भाव पिछले सप्ताह के 1,350 डॉलर प्रति टन से घटाकर 1,302 डॉलर प्रति टन किये जाने से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट रही। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली (रिफाइंड), सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 250 रुपये, 170 रुपये और 300 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 14,900 रुपये, 14,880 रुपये और 13,450 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

मूंगफली डीओसी की भारी स्थानीय मांग निकलने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली दाना 50 रुपये के सुधार के साथ 6,295-6,440 रुपये पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली गुजरात 200 रुपये की गिरावट के साथ 14,250 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 40 रुपये की हानि के साथ 2,195-2,325 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 11,800 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। जबकि मांग कमजोर होने से पामोलीन दिल्ली का भाव 80 रुपये की हानि दर्शाता 13,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन कांडला के भाव पूर्व सप्ताहांत के स्तर पर ही बने रहे।

पिछले सप्ताहांत के मुकाबले जहां बिनौला तेल कीमत 300 रुपये की गिरावट के साथ 14,300 रुपये क्विन्टल रह गया, वहीं तिल मिल डिलिवरी का भाव 100 रुपये सुधरकर 15,100-17,600 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया।

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Web Title: Apart from the festival, local demand of DOC increased due to increase in oil-oilseeds prices last week.

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