मुंबई, 28 मार्च हाल के सप्ताहों में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के चलते करीब दो-तिहाई लोग चाहते हैं कि सरकार ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों को रोक दे। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है।
यह सर्वेक्षण लोकलसर्किल ने किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 43 प्रतिशत लोगों ने महामारी की 'दूसरी लहर' को रोकने के लिये सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं को निलंबित करने का पक्ष लिया।
एक बयान के अनुसार, सर्वेक्षण के निष्कर्ष देश के 244 जिलों के 8,800 से अधिक नागरिकों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं।
पिछले साल मार्च के अंत से अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय परिचालन निलंबित है। इसके बीच, पिछले साल मई से वंदे भारत मिशन के तहत और जुलाई से चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय "एयर बबल" व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि अब देश में कोरोना के दैनिक मामलों की संख्या 60 हजार के पार चली गयी है। यह ऐसे समय हुआ है जब ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आया है।
इससे पहले फरवरी में एक समय दैनिक मामले कम होकर 12 हजार पर आ गये थे।
सर्वेक्षण के अनुसार, 32 प्रतिशत लोगों ने माना कि उड़ान बंद करना कोई समाधान नहीं है। तीन प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास कोई जवाब नहीं है।
कई लोगों का मानना है कि जो नुकसान हो सकता था, वह पहले ही हो चुका है। पिछले तीन महीने के दौरान अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जारी रहने से वायरस के स्वरूप अलग-अलग चरणों में देश में मौजूद हैं। हालांकि, यदि अब भी उड़ानों को बंद करें तो कोरोना वायरस के अन्य नये स्वरूपों से बचाव संभव है।
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