चीन में बैंक डिफॉल्टरों को 3 स्टार होटलों तक में घुसने नहीं देते, जानिए दुनिया भर में बेईमानों के साथ होता है क्या-क्या

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: February 22, 2018 13:12 IST2018-02-21T22:19:32+5:302018-02-22T13:12:49+5:30

चीन में कोई डिफॉल्टर किसी भी शहर में तीन-सितारा या उससे ज्यादा महंगे होटलों में नहीं ठहर सकते। अमेरिका ने दी थी 300 सौ साल कैद की सजा।

All you need to know how world treated bank defaulters including chine, us, uk, uae | चीन में बैंक डिफॉल्टरों को 3 स्टार होटलों तक में घुसने नहीं देते, जानिए दुनिया भर में बेईमानों के साथ होता है क्या-क्या

चीन में बैंक डिफॉल्टरों को 3 स्टार होटलों तक में घुसने नहीं देते, जानिए दुनिया भर में बेईमानों के साथ होता है क्या-क्या

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला को लेकर कांग्रेस व विपक्ष लगातार हमलावर हैं। नीरव मोदी को निशाने पर रखकर विपक्ष सरकारी कामकाज पर सवाल उठा रही है। उनपर अमल कर के एनपीए के चलते डूबने की कगार पर पहुंच चुके सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के बजाए बीजेपी घोटाले के लिए वापस कांग्रेस पर दोषारोपण कर रही है। भारत में बैंक डिफॉल्टरों का इतिहास देखें विजय माल्या जैसे बैंक डिफॉल्टर को प्रतिष्ठित राजनैतिक पार्टियों पर शह देने के आरोप लगते रहे हैं।

नीरव मोदी कांड सामने आने के बाद से भले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ताबड़तोड़ छापेमारी से कुछ सामान जब्त कर रहा है और कुछ गिरफ्तारियां हो रही हैं। लेकिन तह में जाने पर पता चलता है‌ कि हमारी खुफिया एजेंसियां और बैंकिग सिस्टम ऐसे जालसाजों के खिलाफ कोई ठोस उपाय नहीं ढूंढ़ पा रही हैं। भारतीय बैंकों को ऐसे एक दो नीरव मोदी नहीं करीब 5580 डिफॉल्टर करीब 49 हजार करोड़ का चूना लगा चुके हैं। खाली देश के प्रमुख सरकारी बैंकों की बात करें तो ऐसे आंकड़े निकल कर सामने आएंगे।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के शीर्ष 5 डिफॉल्टर

- एक्‍सएल एनर्जी लिमिटेड413.14  करोड़
- इग्‍नाइट एजुकेशन लिमिटेड316.13 करोड़
- श्रीम कार्पोरेशन283.08 करोड़ 
- टेलीडाटा मरीन सॉल्‍यूशन लिमिटेड167.28 करोड़
- किंगफिशर एयरलाइंस1201.39 करोड़

पीएनबी के शीर्ष 5 डिफॉल्टर

- विनसम डायमंड900.37 करोड़
- फॉरएवर प्रीसियस ज्‍वैलरी747.98 करोड़ 
- जूम डेवलपर्स410.18 करोड़
- वीएमसी सिस्‍टम्‍स लिमिटेड296.08 करोड़
- एमबीएस ज्‍वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड266.17 करोड़

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के शीर्ष डिफॉल्टर

- पर्ल विजन प्राइवेट लिमिटेड103.95 करोड़
- सेंचुरी कम्‍युनिकेशंस87.86 करोड़ 
- पिक्‍सन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड83.63 करोड़
- विक्‍ट्री इलेट्रिकल82.43 करोड़
-मालडार बारेल्‍स प्राइवेट लिमिटेड80.41 करोड़

 सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शीर्ष 5 डिफॉल्टर

- विनसम डायमंड ज्‍वैलर्स

549.26 करोड़
- इलेक्‍ट्रोथर्मल (इंडिया) लिमिटेड385.26 करोड़
- एस कुमार नेशनवाइड283.90 करोड़
- फॉरऐवर प्रीसियस ज्‍वैलर्स,254.07 करोड़ 
- सूर्या विनायक154.99 करोड़

ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स के शीर्ष 5 डिफॉल्टर

- द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल

257.70 करोड़ रुपए 
- डीएसी लिमिटेड230.10 करोड़
- लिलिपुट किडवेयर220.91 करोड़
- विनसम डायमंड ज्‍वैलर्स145.81 करोड़
- जूम डेवलपर्स127.78 करोड़

लेकिन सभी इन्हीं आंकड़ों में उलझे रह जा रहे हैं। डिफॉल्टरों को लेकर भारत में कानून महज ऐसे ग्राहकों को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है या फिर बैंक व फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकते हैं। अब तक हुई कार्रवाइयों में ग्राहकों की संपत्ति की कुर्की, जब्ती, कंपनी में उनके अधिकारों को खत्म करने, उनकी कंपनी का प्रबंधन अपने हाथ में लेने जैसे कदम उठाए जाते हैं। लेकिन हमें एक बार दुनियाभर में बैंक डिफॉल्टरों पर होने वाली कार्रवाई पर जरूर डालनी चाहिए।

बैंक डिफॉल्‍टरों पर चीन सबसे सख्त

चीन में बैंक डिफॉल्टरों को न लोन मिलता है, न प्रमोशन मिलता है। वहां डिफॉल्टरों के ओहदे को ध्यान में रखकर कार्रवाई नहीं होती। चाहे वे सरकारी कर्मचारी, विधायिका के लोग, सलाहकार संस्‍थाओं के सदस्य या देख की सबसे ताकतवर कम्यूनिस्ट पार्टी का कोई प्रतिनिधि हो। अगर वह भ्रष्टाचार करता है तो किसी को बख्शा नहीं जाता। देश के सुप्रीम पीपल्स कोर्ट ने 67 लाख से ज्यादा डिफॉल्टरों को काली सूची जारी करके इनको जबर्दस्त सजा देने का प्रावधान कर रखा है। 

1- चीन की सबसे बड़ी अदालत अपनी वेबसाइट पर बेईमान लोगों के नाम ओर आईडी नंबर छापती हैं 

2- डिफॉल्टर के फोन व्यस्त रहने पर ऑपरेटर यह कहता है, 'जिसे आप कॉल कर रहे हैं, उसे कर्ज न चुकाने के कारण ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है।'

4- डिफॉल्टर का नाम, आईडी नंबर, फोटो व उसके घर का पता अखबारों में छापा जाता है और उसकी तस्वीर टीवी में दिखाई जाती है। बसों और लिफ्ट में उसकी तस्वीर चस्पा की जाती है

5-डिफॉल्टर किसी भी शहर में तीन-सितारा या उससे ज्यादा महंगे होटलों में नहीं ठहर सकते

6- अगर वे किसी सिविल सेवाओं से जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें दूसरों से ज्यादा कड़ी परीक्षा देनी पड़ती है

7- कार या कोई वाहन बुक करने के लिए उहनें ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है

8- क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए किए गए इनके आवेदन शुरुआती चरण में ही रद्द कर दिए जाते हैं

चीन के भ्रष्ट लोगों के आंकड़े पर एक नजर

1- 61.5 लाख लोगों के विमान टिकट खरीनदने पर बैन

2- 22.2 लाख डिफॉल्टर नहीं कर सकते ट्रेनों में सफर

3- 31,000 नाम 2013 में बनी डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल थे। साल 2017 की लिस्ट में यह संख्या 90 लाख पहुंची

क्या है ऐसा करने के पीछे का मकसद

चीन का मानना है कि भ्रष्टाचार और सरकारी संस्‍थाओं को चूना लगाना संक्रामक बीमारी है, एक को हो जाए तो तेजी से दूसरों में फैलती है। इसका समय पर इलाजा कराना जरूरी है। हर डिफॉल्टर को जेल में डालना संभव नहीं है। लेकिन डिफॉल्टरों की रोजमर्रा की जिंदगी में इस तरह की छोटी-छोटी दिक्कतें पैदा की जाएं तो न केवल वह सुधरने का, बल्कि दूसरे लोग भी उसके रास्ते पर चलने से कतराएंगे।

मोबाइल का बिल ना भरने पर क्रेडिट खराब हो जाती हैं अफ्रीकी देशों में

ट्रांसयूनियन क्रेडिट रिफरेंस ब्यूरो (सीआरबी) ने एक सर्वे में केन्या व अफ्रीकी देशों के बैंक व सरकारी संस्‍थाओं से लोन लेकर वापस न देने वालों का मुआयना किया था। इसमें 3 लाख से अधिक ऐसे लोगों पर कार्रवाई की बात सामने आई थी, जिन पर बेहद मामूली लोन बाकी थे। इनमें सरकारी दूरसंचार कंपनियों के बिल के भुगतान ना करने के करीब 6 लाख मामले दर्ज किए गए थे। 

अमेरिका में डिफॉल्टर को हुई थी 300 साल की सजा

चीन की तुलना में अमेरिका में बैंक डिफॉल्टरों को लेकर इतने विविधात्मक कानून तो नहीं बनाए हैं, लेकिन अमेरिकी कानून ऐसे लोगों के प्रति बेहद शख्स है। अमेरिका के  चर्चित रहत गुप्ता (भारतीय मूल के इंवेस्टमेंट बैंकर) मामले में आरोपी को 300 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा अन्य मामलों में अमेरिका ऐसे लोगों या संस्‍थाओं को पूरी तरह प्रतिब‌ंधित कर ठोस कानूनी कार्रवाई की जाती है।

बैंक डिफॉल्टर के मामले में दुबई महादयालु

प्यार आदि के मामले में लोगों का सरेआम हाथ कटवा लेने के लिए मशहूर अरब देश बैंक डिफॉल्टरों के मामले में बहद दयालु प्रवृति का है। खलीज टाइम्स की खबर के मुताबिक दुबई के कानून धारा 4 (iv) में पहले से मौजूद उम्रकैद की सजा में सुधार करते हुए इसे कुछ फीसदी ज्यादा कर्ज चुकाने तक सीमित कर दिया गया था। संयुक्त अरब अमीरात में कुछ महीनों की जेल और इन्हें पैसे वापस भरने के मौके पर विश्वास करता है।

यूरोप में एक बार डिफॉल्टर हुए तो 10 साल क्रेडिट पर प्रतिबंध

यूरोप में बड़े स्तर के बैंक डिफॉल्टर मामलों के निपटारों के लिए शख्स कानून हैं। यहां ऐसे लोगों के 10 साल के क्रेडिट, लोन रद्द कर दिए जाते हैं। आगे भी उन्हें लोन लेने में सामान्य लोगों से कहीं ज्यादा नियम-कानूनों के पालन करने होते हैं। लेकिन हाल-फिलहाल यूरोपीय देशों में ऐसे मामले बेहद कम सामने आए। छिट-फुट मामलों में यूरोपीय देश अपने ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर घटा देते हैं। इससे उन्हें अन्य जगहों से पैसों की लेनदेन और खासकर के किसी तरह के लोन लेने में खासी परेशानी होती है। एक हालिया मामले में इंग्लैंड की एक महिला को इटली में गिरफ्तार भी किया गया था उसने महज अपने क्रेडिट कार्ड के बिल नहीं जमा किए थे। उससे मामले में 30 दिन तक पूछताछ की गई।

किन हालातों में घो‌‌षित किए जाते हैं बैंक डिफॉल्टर

भारत समेत तमाम देशों में आमतौर पर डिफॉल्‍टर घोषित होने के कुछ सामान्य नियम हैं। आमतौर पर इसे जानबूझ कर कर्ज वापस ना करने वालों को इस श्रेणी में रखा जाता है। कुछ आम नियम इस तरह हैं-

1. ग्राहक वित्तीय तौर पर सक्षम होने के बावजूद बैंक की निर्धारित देय तिथि पर अपने कर्ज की किस्त न जमा करे

2. बैंक से लिया गया लोन उस काम में इस्तेमाल न कर रहा हो, जिस उद्देश्‍य से बैंक से मांगा गया हो

3. बैंक को भ्रमित कर के लोन लिया हो, बाद में बैंक को लोन लेने का उचित कारण ना बता पाए

4. लोन लिए गए पैसे से कोई सामग्री खरीद कर बिना बैंक का कर्ज चुकाए और बिना बैंक की जानकारी किसी और को बेच दे

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