महामारी के बाद भी गरीबी में आई कमी, 10 साल में इतने फीसद से हुआ लोगों के जीवन में सुधार

By आकाश चौरसिया | Updated: July 4, 2024 15:37 IST2024-07-04T14:58:26+5:302024-07-04T15:37:47+5:30

Poverty In India: NCAER से जुड़े अर्थशासत्री सोनालडे देसाई ने इस रिपोर्ट को गढ़ने में लीड किरदार के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में 24.8 फीसदी से वर्ष 2011-12 के बाद अब 8.6 फीसद की कमी सीधे तौर पर सामने आई है। 

After the pandemic poverty decreased people lives improved by much percent 10 years | महामारी के बाद भी गरीबी में आई कमी, 10 साल में इतने फीसद से हुआ लोगों के जीवन में सुधार

फाइल फोटो

Highlights10 सालों में इतने फीसद से हुआ लोगों के जिंदगी में सुधार भारतीय मानव विकास सर्वे की रिपोर्ट ये बात सामने आई हैअर्थशासत्री सोनालडे देसाई ने इस रिपोर्ट को सामने लाने में लीड रोल में रहे

Poverty In India: देश भर में फैली गरीबी के बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिससे पता चल रहा है कि भारत भर में व्यापत गरीबों की संख्या में कमी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार यह सुधार करीब दस सालों में हुआ और इस बात का खुलासा नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट का आधार भारतीय मानव विकास सर्वे (आईएचडीएस) है। पता चलता है कि 2011-12 में जहां 21 फीसदी लोग गरीब थे, जो 2023-24 के आते-आते 8.5 प्रतिशत तक पहुंचने में कामयाब हुई। 

एनसीएईआर से जुड़े अर्थशासत्री सोनालडे देसाई ने इस रिपोर्ट को गढ़ने में लीड किरदार के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में 24.8 फीसदी से वर्ष 2011-12 के बाद अब 8.6 फीसद की कमी सीधे तौर पर सामने आई है। 

रिपोर्ट बताती है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्य सब्सिडी और केंद्र के साथ-साथ राज्यों द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं के माध्यम से चलाए जाने से गरीबी को फायदा हुआ, जिससे गरीबी का स्तर घट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में यह तीव्र गिरावट एनएसएसओ उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण पर आधारित हालिया एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में भी बाहर आई।

2018-19 के बीच 4.4 फीसदी के स्तर पर बनी- SBI Report
एसबीआई रिपोर्ट के आधार पर गरीबी वर्ष 2018-19 के बीच 4.4 फीसदी के स्तर पर बनी हुई थी, लेकिन शहरी क्षेत्र में 1.7 फीसद की महामारी के बाद भारी कमी आई है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे लोगों के सुधार कार्यक्रम के जरिए लोगों को सहायता पहुंची। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि ग्रामीण आजीविका पर भी प्रभाव पड़ा है।  

9 वर्षों में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से हुए बाहर- NITI Aayog
नीति आयोग पेपर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बहुस्तरीय मोर्चे पर भारत भर में गरीबी 2013 से 2014 के बीच 11.28 फीसद थी, जो 2022-23 में 17.89 फीसदी से फिसल गई है। नीति आयोग के पेपर में कहा गया है कि गरीबी के सभी आयामों को कवर करने वाली महत्वपूर्ण पहलों के कारण पिछले 9 वर्षों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बच निकले हैं। 

Web Title: After the pandemic poverty decreased people lives improved by much percent 10 years

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