एथनॉल बनाने के लिए लगभग 1.7 करोड़ टन अधिशेष खाद्यान्न का उपयोग किया जाएगा: खाद्य सचिव

By भाषा | Updated: October 1, 2021 20:42 IST2021-10-01T20:42:28+5:302021-10-01T20:42:28+5:30

About 17 million tonnes of surplus food grains will be used for making ethanol: Food Secretary | एथनॉल बनाने के लिए लगभग 1.7 करोड़ टन अधिशेष खाद्यान्न का उपयोग किया जाएगा: खाद्य सचिव

एथनॉल बनाने के लिए लगभग 1.7 करोड़ टन अधिशेष खाद्यान्न का उपयोग किया जाएगा: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर सरकार ने शुक्रवार को कहा कि गन्ने के शीरे के अलावा लगभग 1.7 करोड़ टन अधिशेष खाद्यान्न का उपयोग एथनॉल बनाने के लिए किया जाएगा। ताकि वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण किये जाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

चीनी उद्योग संगठन इस्मा के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि सरकार एथनॉल मिश्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए न केवल शीरे से बल्कि मक्का और चावल जैसे खाद्यान्न से भी एथनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश पिछले कुछ वर्षों से लगभग 40 से 45 लाख टन अतिरिक्त चीनी का उत्पादन कर रहा है। तीन करोड़ टन से अधिक चीनी का उत्पादन हो रहा है जबकि घरेलू मांग लगभग 2.6 करोड़ टन है।

सचिव ने बताया कि अधिशेष उत्पादन के कारण चीनी की घरेलू कीमतों में गिरावट आई, जिससे किसानों और चीनी मिलों दोनों पर असर पड़ा।

पांडे ने कहा कि चीनी के अधिशेष उत्पादन और चीनी के कारखाने को कम कीमत मिलने की स्थितियों से निपटने के लिए, सरकार ने चीनी के निर्यात और एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर मिलों को परिवहन सहायता देने के रूप में दो नीतिगत पहल किये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस अतिरिक्त उत्पादन को कहीं अन्यत्र उपयोग या एथनॉल उत्पादन के लिए नीति बनाई और इसके लिए बड़े पैमाने पर उद्योग आगे आए।’’

पांडे ने कहा कि पिछले महीने समाप्त हुए 2020-21 के विपणन वर्ष में, चीनी मिलें लगभग 20 लाख टन चीनी को एथनॉल उत्पादन के लिए उपयोग में लाने में कामयाब रहीं। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

सचिव ने कहा, ‘‘... इस साल हम लगभग 35 लाख टन एथनॉल उत्पादन के लिए शीरे का उपयोग करने की उम्मीद करते हैं। अगले साल 60 लाख टन चीनी कम हो जाएगी क्योंकि हम इसे एथनॉल उत्पादन के लिए उपयोग करेंगे।’’

वाहन उद्योग के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ईंधन के लिए नियम लेकर आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ई -10 को अब पहले से ही अनुमति मिली हुई है, और वर्ष 2024 तक ई -20 लागू होना शुरू हो जाएगा। वर्ष 2025 तक, पूरे भारत में अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।’’

इस अंतरिम हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा कि सरकार अब एक कदम आगे बढ़ते हुए एथनॉल बनाने के लिए खाद्यान्न के उपयोग की अनुमति दे रही है।

पांडे ने कहा, ‘‘... हम इस काम के लिए लगभग लगभग 1.7 करोड़ टन अधिशेष खाद्यान्न का उपयोग करने जा रहे हैं।’’

सचिव ने कहा कि सरकार के पास मौजूदा वक्त में केंद्रीय खाद्यान्न भंडार में लगभग नौ करोड़ टन खाद्यान्न है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई देशों ने सोचा कि यह एक ऐसा स्टॉक है जो बाजार खराब कर रहा है और बाजार धारणाओं को मंदा कर रहा है, लेकिन कोविड-19 के दौरान, ... लगभग 80 करोड़ आबादी को लगभग छह करोड़ टन खाद्यान्न मुफ्त वितरित किये गये।’’

सचिव ने कहा कि खाद्यान्न के मुफ्त वितरण ने देश को बहुत प्रभावी तरीके से कोविड महामारी से लड़ने और महामारी से प्रभावित लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की।

सचिव ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पहले से उपलब्ध प्रौद्योगिकी को लाने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग को आमंत्रित किया गया है ताकि अधिशेष खाद्यान्न और गन्ने का उपयोग किया जा सके।

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Web Title: About 17 million tonnes of surplus food grains will be used for making ethanol: Food Secretary

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