5 कारण, क्यों ना देखें सलमान-कैटरीना की 'टाइगर जिंदा है'
By भारती द्विवेदी | Updated: December 21, 2017 12:14 IST2017-12-20T20:15:11+5:302017-12-21T12:14:40+5:30
साल 2009 में सलमान खान की फिल्म वांटेड आई थी। तब से लेकर आज तक सल्लू भाई उस मूड से निकले ही नहीं हैं।

5 कारण, क्यों ना देखें सलमान-कैटरीना की 'टाइगर जिंदा है'
सलमान खान की फिल्म 'टाइगर जिंदा है' परसों रिलीज हो रही है। सलमान खान की फिल्म रिलीज होने का मतलब फैन्स के लिए ईद और दीवाली जैसा माहौल होना हैं। अगर आप सलमान खान के फैन हैं तो फिल्म देखने के लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं हैं... लेकिन अगर आप 'भाई' के फैन नहीं है तो आपको बहुत सारी हिम्मत चाहिए होती है उनकी फिल्म को देखने के लिए! फिर भी आपके इरादे गड़बड़ हो रहे हों तो हम आपको बता रहे हैं पांच रीजन जिसकी वजह से आपको ये फिल्म नहीं देखनी चाहिए।
स्वैग से स्वागत
फिल्म 'टाइगर जिंदा है' का ट्रेलर जब से आया लोगों के इस फिल्म के गानों का बेसब्री से इंतजार था। सबने सोचा था 'एक था टाइगर' के गाने की तरह कुछ अच्छे गाने सुनने को मिलेंगे। लेकिन जब पहला गाना आया 'स्वैग से स्वागत' तो उम्मीद टूट गई। विशाल-शेखर के म्यूज़िक वाला ये गाना कानों में चुभता सा लगता है । और इसे गाने वाले विशाल डडलानी ने एक बार फिर से हनी सिंह बनने की नाकाम कोशिश की है ।
सलमान का एक ही एटीट्यूड
साल 2009 में सलमान खान की फिल्म वांटेड आई थी। तब से लेकर आज तक सल्लू भाई उस मूड से निकले ही नहीं हैं। 'बजरंगी भाईजान' और 'ट्यूबलाइट' जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने सॉफ्ट किरदार निभाने की कोशिश की थी। जहां 'बजरंगी भाईजान' में मुन्नी फैक्टर की वजह से लोगों ने उन्हें पसंद किया वहीं 'ट्यूबलाइट' में रिजक्ट कर दिया।
बॉलीवुड में सीक्वल का खराब रिकॉर्ड
हमारे बॉलीवुड में एक फिल्म क्या हिट हुई तुरंत उसके सीक्वल अनाउंस कर दिया जाता है। लेकिन एक्का-दुक्का फ्रेंचाइजी को छोड़कर ज्यादातर सीक्वल पिछली फिल्मों की सफलता नहीं दोहरा पाते। खुद सलमान खान की फिल्म 'दबंग' का सीक्वल उतना शानदार नहीं था जितना की पहली फिल्म।
इराकी विलेन का अमेरिकन एक्सेंट में अंग्रेजी और हिंदी बोलना
फिल्म 'टाइगर जिंदा है' में सज्जदा डेल अफरूज़ मेन विलेन हैं। सज्जदा इससे पहले विदेशी भाषा की फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम करते रहे हैं। बॉलीवुड में आपने इनकी पहली झलक अक्षय कुमार की फिल्म 'बेबी' में देखी होगी। वो भी मात्र 30 सेंकेड के लिए एक डॉक्टर के रोल में दिखे थे। इस फिल्म में जब वो अपना डायलॉग बोलते हैं तो विलेन वाली फिल्म नहीं आती है। मतलब बिल्कुल ही नैचुरल नहीं लगता है।
कैटरीना कैफ
माना की कैटरीना खूबसूरत हैं, लेकिन वो सिर्फ खूबसूरत हैं। आज तक फिल्मों में उनका इस्तेमाल सिर्फ 'आई कैंडी' के तौर पर हुआ है। और अब शायद ये बात कैटरीना भी समझ चुकी हैं कि वो सिर्फ खूबसूरत हैं। वरना 'बेबी' जैसी फिल्म में अक्षय कुमार के सामने तापसी पन्नू पूरी महफिल लूट ले जाती हैं और यहां कैटरीना पूरी फिल्म में कुछ नहीं कर पातीं।