जब काम नहीं मिलने से परेशान होकर एक्टिंग छोड़ना चाहते थे इरफान खान, फिर दोस्त की इस बात से जीत लिया नेशनल अवॉर्ड
By अमित कुमार | Updated: April 29, 2020 21:46 IST2020-04-29T21:46:50+5:302020-04-29T21:46:50+5:30
53 साल की उम्र में तीन दशकों तक सिनेमा में उन्होंने अपने अलग ही अंदाज में कई किरदार जिये और हर किरदार को देखने के बाद लोगों के दिल में यही बात होती कि शायद यह भूमिका उन्हीं के लिये लिखी गयी थी। बात चाहे “लाइफ इन अ मेट्रो” की हो या शेक्सपीयर के नाटक “मैक्बैथ” पर आधारित ‘मकबूल’ की या फिर ‘द लाइफ ऑफ पाई’ की। हर किरदार को उन्होंने जीवंत बना दिया।

(फोटो सोर्स- ट्विटर)
एक्टर इरफान खान का बुधवार को निधन हो गया। इरफान की मौत की खबर सुनकर फैंस से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रेटी तक में गम का माहौल है। इरफान खान अब भले ही हमारे बीच नहीं रहे…लेकिन सिने प्रेमियों के दिलों में वो हमेशा ‘मकबूल’ रहेंगे। अपनी बोलती आंखों से हर संवाद में जान डाल देने वाला वो कलाकार आज हमेशा के लिये खामोश हो गया। हिंदी फिल्म जगत से लेकर हॉलीवुड तक अपनी दमदार अदाकारी से दिलों को जीतने वाले इस कलाकार का इस तरह जाने की उम्मीद शायद किसी ने भी नहीं की होगी।
बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्में देने वाले इरफान के पास एक समय करने के लिए कोई फिल्म नहीं थी। एक इंटरव्यू के दौरान पुराने दिनों को याद करते हुए इरफान ने बताया था कि वह फिल्में नहीं मिलने के कारण मुंबई छोड़कर जाना चाहते थे।
ऐसे में इरफान के करीबी दोस्त तिग्मांशु धूलिया ने उन्हें संभाला और काम मिलने का भरोसा दिलाया। तिग्मांशु धूलिया ने इरफान से कहा, 'मुंबई में तुम्हारे लिए कई मंजिले हैं, जिसे तुम्हें पाना है। जब इतना समय रुक गए हो तो कुछ और दिन ठहर जाओ नेशनल अवॉर्ड लेकर जाना। दोस्त की यह बात सुनकर इरफान मुंबई में ही रुक गए। इसके बाद इरफान को उनके दोस्त ने ही फिल्म दी।
इरफान ने तिग्मांशु धूलिया की फिल्म हासिल में काम किया। इसमें वह निगेटिव रोल में नजर आए। इसके बाद पान सिंह तोमर में भी इन दोनों ने साथ काम किया। इस फिल्म के लिए इरफान को बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया।