किसी प्रेरणा से कम नहीं वहीदा-गुरु दत्त का प्रेम, पढ़ें प्यार से खुदकुशी तक की इश्क-ए-दास्तां
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 16, 2018 01:49 PM2018-01-16T13:49:07+5:302018-01-16T15:03:24+5:30
कहते हैं गुरुदत्त, वहीदा से बेपनाह इश्क करते थे।
हिंदी सिनेमा के गलियारों में जब कभी प्रेम कहानियों का जिक्र होता है तो गुरु दत्त और वहीदा रहमान का नाम सबसे आगे रहता है। इन दोनों की प्रेम कहानी आज तक फैंस के दिलों में जिंदा है। कहते हैं गुरु दत्त, वहीदा से बेपनाह इश्क करते थे। गुरु दत्त ने गीता दत्त से शादी की थी, लेकिन दोनों के रिश्ते में बहुत दिन तक प्यार नहीं रह पाया। इसकी वजह थी गुरु और वहीदा की बेपनाह मुहब्बत। जैसा कि कहा जाता है ज्यादा मीठा कड़वाहट की दस्तक होता है, यही इन दोनों की प्रेम कहानी के साथ भी हुआ। एक समय ऐसा भी आया जब वहीदा और गुरु दत्त एक-दूसरे को देखना भी पसंद नहीं चाहते थे ,जबकि अब वहीदा गुरु के साथ अपने रिश्ते कभी स्वीकारा नहीं।
वहीदा रहमान की एंट्री पर लगाया बैन
कहते हैं एक दिन वहीदा जब अपने मेकअप रूम में आ रही थीं तो अचानक ही गुरु दत्त के एक विश्वसनीय आदमी रतन ने उनका रास्ता रोक लिया। वहीदा रहमान के लिए यह अजीब था। पूछने पर जवाब मिला कि मेकअप रूम में अब उनको प्रवेश नहीं मिलेगा। रतन से कारण पूछा गया तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। वहीदा नाराज होकर चली गईं। कहते हैं इसका कारण था गुरु दत्त की प्यार में लड़ाई। वह वहीदा को अपने हिसाब से ही चलाना चाहते थे।
रोती हुईं घर लौट गईं वहीदा रहमान
वहीदा के बैन में एंट्री ना मिलने के बाद अगले दिन जब फिर वही वाकया हुआ तो वह अपने आंसू रोक नहीं पाई थीं। बताया जाता है कि वो रोते हुए वहां से चली गईं, जिसके बाद चारों तरफ खबरें चलने लगीं कि गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को ठुकरा दिया। जिसका कारण था वहीदा की अपनी मर्जी से चीजों को चुनने की अदा। गुरु दत्त बैनर की हर फिल्म में वहीदा के अलग से खासतौर पर सीन लिखे जाते थे। बिना वहीदा के गुरु दत्त के फिल्म की कल्पना नहीं होती थी। फिल्म का डायरेक्टर कोई भी हो, वहीदा वाले सीन का डायरेक्शन गुरुदत्त खुद करते थे, लेकिन इनका प्यार ही इनको अलग भी कर गया।
पड़ोस में था दोनों का मेकअप रूम
गुरु दत्त, वहीदा रहमान से इतना प्यार करते थे कि हमेशा अपनी आंखों के सामने उनको रखना चाहते थे। यही कारण था कि ‘गुरु दत्त फिल्म्स’ के सेट्स पर वहीदा का मेकअप रूम उनके मेकअप रूम के साथ लगा हुआ था। इन दोनों कमरों के सामने एक और कमरा था, जो दत्त और वहीदा के कमरों को ढक लेता था। यहां तक कि अगर वहीदा किसी दूसरे बैनर की फिल्म में भी काम कर रही होतीं, तो वह दत्त फिल्म्स के मेकअप रूम का ही उपयोग करती थीं।
वहीदा से शादी के लिए भी तैयार थे गुरुदत्त
वहीदा रहमान के बहनोई रउन ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि गुरु-वहीदा से शादी करना चाहते थे। उन्होंने कहा है कि गुरु दत्त धर्म बदलकर वहीदा से शादी के लिए भी तैयार हो गए थे। जाहिर है ऐसी मोहब्बत में जब वहीदा की मेकअप रूम में एंट्री पर पाबंदी लगी तो हर कोई सकते में था। गुरु दत्त के दोस्त अब्रार अल्वी अपनी किताब ‘टेन ईयर्स विद गुरुदत्त’में जिक्र भी किया गया है।
दोनों की असल जिंदगी पर थी फिल्म
कहा जाता है कि कागज के फूल दरअसल उनकी अपनी प्रेम कहानी थी। जो वहीदा और उनके प्रेम पर बुनी गई थी। गुरु दत और वहीदा ने प्यासा, चौदहवीं का चांद और साहिब बीबी और गुलाम में अभिनय किया। प्यासा को टाइम मैगजीन ने समकालीन सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार किया था।
पत्नी के आगे झुक गए थे गुरु
जब भारत में गुरुदत्त के मुसलमान बनकर वहीदा से शादी की चर्चाएं जोरों पर थीं, तो एक पत्नी (गीता दत्त) का दिल टूट सा गया था। उनकी पत्नी गीता लंदन में थीं। उन्हें जल्द ही घर लौटना था, लेकिन वह घर लौटने के बजाय अपने कश्मीर स्थित घर चली गईं। कुछ दिन हफ्तों में तब्दील हो गए पर गीता घर वापस आने का नाम ले रही थीं। ये वो वक्त था जब गुरु दत्त को पत्नी या प्रेमिका में एक चुनना था और उन्होंने गीता का साथ चुना। गीता के घर वापस ना आने के कारण गुरु दत्त का धैर्य जवाब देने लगा तो उन्होंने गीता के ऊपर वापस आने की लिए दबाव डालना शुरू किया। जिसके बाद उन्होंने खुद को वहीदा से दूर करना शुरु कर दिया।
इश्क में नींद ना आने की हो गई थी बिमारी
कहते हैं इश्क में मिली नाकामयाबी के बाद गुरु दत्त को नींद तक आना बंद हो गया था। नींद न आने की बीमारी उनको काफी समय से थे। उनके करीबी दोस्त रहे विमल मित्र अपनी किताब ‘बिछड़े सभी बारी बारी’ में भी इस बात का जिक्र बार-बार करते हैं-बार बार रात में उठकर उनसे बात करने आने की बात, काफी मशक्कत के बाद आधी रात को उनके लिए नींद की गोली लाने की बात और ठीक मात्रा में ही उन्हें दवा देने की बात भी।
गुरु दत्त की मौत पर वहीदा आज भी हैं दुखीं
गुरु दत्त मे आत्महत्या की थी। गुरु की खुदकुशी पर वहीदा ने एक बार कहा था कि किसी को भी उनके खुदकुशी करने की वजह नहीं पता। कुछ लोग कहते हैं कि कागज के फूल की नाकामयाबी की वजह से वो डिप्रेशन में थे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये वजह रही होगी, क्योंकि इस फिल्म के बाद उन्होंने चौदहवीं का चांद बनाई जो सुपरहिट रही।
दोनों ने लिखी इश्क-ए-दांस्ता
वहीदा रहमान और गुरु दत्त की प्रेम कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। वहीदा से अलग होने के दुख को गुरु ने कभी जगजाहिर तो नहीं किया, लेकिन वह इस कद्र अंदर से टूट गए कि उन्होंने खुदकुशी कर ली थी। वहीं, प्रेमी से मिले धोखे के बाद वहीदा ने 1974 में किसी और का दामन थाम लिया।