विवेक अग्निहोत्री ने कोर्ट में बिना शर्त जज से मांगी माफी, जानें क्या है मामला?
By अंजली चौहान | Published: April 10, 2023 04:52 PM2023-04-10T16:52:36+5:302023-04-10T17:06:22+5:30
अदालत ने कहा कि कथित अवमाननाकर्ता के तौर पर अग्निहोत्री को आरोपमुक्त किया जाता है और भविष्य के लिए उन्हें सावधान किया जाता है।
मशहूर फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने सोमवार को उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस. मुरलीधर के खिलाफ अपने ट्वीट के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष माफी मांगी है। उनकी व्यक्तिगत माफी के बाद कोर्ट ने उन्हें अदालत की अवमानना मामले से मुक्त कर दिया।
द कश्मीरी फाइल्स के निर्माता अग्निहोत्री ने कहा कि न्यायपालिका की संस्था के लिए उनके मन में अत्यधिक सम्मान है और अदालत की महिमा को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।
अदालत ने कहा कि कथित अवमाननाकर्ता के तौर पर अग्निहोत्री को आरोपमुक्त किया जाता है और भविष्य के लिए उन्हें सावधान किया जाता है।
अदालत ने 16 मार्च को अग्निहोत्री को व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने के लिए 10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया था। पिछले साल दिसंबर को फिल्म निर्माता ने अपनी टिप्पणी के लिए अदालत से माफी मांगी थी लेकिन अदालत ने अपना सबमिशन रिकॉर्ड करने के बाद सुनवाई टाल दी थी कि वह 16 मार्च को सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहेंगे।
हालांकि, अग्निहोत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए और कहा कि उन्हें बुखार है। पिछली सुनवाई के दौरान निदेशक द्वारा न्यायाधीश के खिलाफ अपने बयान को वापस लेने और माफी मांगने के लिए एक हलफनामा दायर किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर के खिलाफ ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में न्यायमूर्ति मुरलीधर के खिलाफ पूर्वाग्रह का आरोप लगाया था। नतीजतन, निदेशक के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई।
अग्निहोत्री के ट्वीट भीमा कोरेगांव मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को राहत देने वाले न्यायाधीश के बारे में थे। दरअसल, जस्टिस मुरलीधर ने नवलखा को हाउस अरेस्ट और ट्रांजिट रिमाड को रद्द कर दिया था, इसी के चलते विवेक ने जस्टिस एस मुरलीधर पर आरोप लगया था।
सितंबर 2022 में कोर्ट ने अग्निहोत्री के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने का फैसला किया था। जिसके बाद उन्होंने माफी मांगते हुए एक हलफनामा दायर किया। अग्निहोत्री ने अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने खुद जज के खिलाफ अपने ट्वीट डिलीट किए थे।