शर्मिला टैगोर का फैंस पर बयान, कहा- भारतीय दर्शकों को पर्दे पर आंसू देखना पसंद है

By भाषा | Published: October 25, 2019 11:58 AM2019-10-25T11:58:36+5:302019-10-25T11:58:36+5:30

शर्मिला टैगोर ने कहा कि बॉलीवुड की फिल्मों का भावनात्मक पहलू भारतीय दर्शकों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

Viewers like to see tears on screen - Sharmila Tagore | शर्मिला टैगोर का फैंस पर बयान, कहा- भारतीय दर्शकों को पर्दे पर आंसू देखना पसंद है

शर्मिला टैगोर का फैंस पर बयान, कहा- भारतीय दर्शकों को पर्दे पर आंसू देखना पसंद है

Highlights शर्मिला टैगोर का कहना है कि लोग वास्तविक जीवन में भले ही किसी को रोते न देखना चाहें लेकिन पर्दे पर उन्हें किरदारों को आंसू बहाते देखना अच्छा लगता है। शर्मिला ने कहा कि दर्शकों को आंसू अच्छे लगते हैं, अन्यथा फिल्म एक दिन भी नहीं चलती।

वरिष्ठ अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का कहना है कि लोग वास्तविक जीवन में भले ही किसी को रोते न देखना चाहें लेकिन पर्दे पर उन्हें किरदारों को आंसू बहाते देखना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की फिल्मों का भावनात्मक पहलू भारतीय दर्शकों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

शर्मिला ने कहा ‘‘हमारे परिवार के सदस्य, मित्र और यहां तक मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को भी लोगों की आंखों में आंसू देखना अच्छा नहीं लगता। लेकिन जहां तक हमारे दर्शकों की बात है तो उन्हें पर्दे पर आंसू देखना पसंद है।’’ एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आईं शर्मिला ने 1972 में आई अपनी फिल्म ‘‘अमर प्रेम’’ के एक चर्चित दृश्य का जिक्र भी किया जिसमें राजेश खन्ना उनसे कहते हैं ‘‘पुष्पा, मुझसे ये आंसू नहीं देखे जाते, आई हेट टीयर्स’’ ।

कार्यक्रम के दौरान इस पंक्ति वाला दृश्य दिखाया गया। ‘अमर प्रेम’ में शर्मिला और राजेश खन्ना ने अभिनय किया था। शर्मिला ने कहा कि दर्शकों को आंसू अच्छे लगते हैं, अन्यथा फिल्म एक दिन भी नहीं चलती। 

Web Title: Viewers like to see tears on screen - Sharmila Tagore

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