आज के समय में 2018 के बुराड़ी कांड के बारे में कौन नहीं जानता है। जब एक ही परिवार के 11 सदस्य एक साथ फांसी के फंदे पर लटके मिले थे तो शहर, देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ये खबर सुर्खियों में बन गई थी। सभी के सभी सोच में पड़ गए थे कि आखिर एक ही परिवार के सदस्यों को यह हरकत क्यों करनी पड़ी।
ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर इसी बुराड़ी कांड पर एक डॉक्यूजरीज रिलीज की गई है। इसका नाम है द हाउस ऑफ सीक्रेट द बुराड़ी डेथ्स। लगभग 40 से 45 मिनट की सीरीज में पूरे मामले को हर एंगल से दिखाया गया है। सीरीज में समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार की विशेषता को समझाने की कोशिश भी की गई है। इसे देखने के बाद पता चलता है कि अंधविश्वास में विश्वास करने पर जान गवाने की नौबत आ जाती है। निर्देशक लीला यादव ने इस डॉक्यूमेंट्री को निर्देशित किया है पहली कड़ी में यह घटना के बारे में बताती है वहीं दूसरी कड़ी परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व के साथ घटना के कारणों की वजह बताती है। तीसरा एपिसोड में बुराड़ी कांड के सामाजिक मनोवैज्ञानिक और पत्रकारिता पर प्रकाश डाला जाता है।
2018 में 30 जून को हुई इस घटना का ना कोई चश्मदीद गवाह है और ना गुनाहगार। पिछले 20 सालों से रह रहा परिवार अचानक से मौत के मुंह में चला जाता है और यह खबर आग की तरह फैल जाती है। दरअसल 11 लोगों का परिवार दो मंजिला मकान में रह रहा था उनकी किराने की दुकान थी जहां लोग सुबह दूध लेने के लिए आया करते थे लेकिन जब एक सुबह परिवार का कोई सदस्य नहीं दिखाई दिया तो पड़ोसी अंदर गया तो अंदर का दृश्य हैरान कर देने वाला था। जब तक पुलिस जांच के लिए पहुंची तब तक बहुत देर हो चुकी थी और खबर हवा की तरह फैल चुकी थी
इस कांड को लोगों ने अलग-अलग चश्मे से देखा मीडिया ने भी मनमाने तरीके से दर्शाया नौकरी में दो किरदार खासतौर से दिखाई देते हैं एक, परिवार के 2007 में गुजर चुके मुखिया भोपाल सिंह और दूसरा उनका सबसे छोटा बेटा ललित।
दरअसल घटनाक्रम में बताया जाता है कि मृत भोपाल सिंह की आत्मा छोटे बेटे ललित पर आया करती थी और वो भोपाल सिंह की आवाज में सभी घर वालों को निर्देश दिया करता था उन निर्देशों का परिवार के प्रत्येक सदस्य को पालन करना पड़ता था। इसके लिए मंदिर में एक रजिस्टर भी तैयार किया गया था। हैरानी की बात यह है उन निर्देशों को मानने की वजह से परिवार के सदस्यों को भारतीय जीवन में उन्नति प्राप्त हो रही थी। इसके बाद एक दिन ललित के शरीर में भोपाल सिंह की आत्मा ने आकर बताया कि अगर परिवार के सभी लोग वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की शाखाओं की तरह फांसी लगाकर लटके हुए मिलेंगे तो भोपाल सिंह उसे बचा लेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ घटना के बाद मंदिर पर मिले रजिस्टर और डायरी ने कई सारे राज खोले हैं।
साल 2018 किस राज्य में बुराड़ी कांड के बारे में जाने के लिए चिश्ती है तो आप यह डॉक्यूमेंट्री देख सकते हैं।