आध्यात्मिक गुरू ने किया दावा, सुशांत सिंह को लेकर मेरे पास आईं थीं रिया चक्रवर्ती
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 17, 2020 12:43 PM2020-08-17T12:43:14+5:302020-08-17T12:43:14+5:30
रिया चक्रवर्ती समेत उनके नजदीकियों का कहना है कि सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन से गुजर रहे थे, यही उनके सुसाइड का कारण बताया जा रहा है। जबकि सुशांत के परिवार ने इससे इंकार किया है और कहना है कि जबरदस्ती इस केस को डिप्रेशन से जोड़ा जा रहा है।
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन को दो महीने से ज्यादा हो गया है। मगर इसके बावजूद फैंस इस सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं। वहीं, दिवंगत अभिनेता का परिवार भी बिल्कुल टूट गया है और लगातार उनके लिए इंसाफ की गुहार लगा रहा है। सुशांत के निधन की गुत्थी जांच के बाद भी सुलझ नहीं पा रही है। इस केस में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं अब इस मामले में एक नए चेहरे की एंट्री हुई है।
खुद को आध्यात्मिक गुरु बताने वाले मोहन जोशी ने दावा किया कि रिया ने उन्हें सुशांत के इलाज के लिए बुलाया था। इस शख्स से इस दावे के बाद से कई तरह के सवाल एक बार फिर से खड़े हो गए हैं। शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन में थे।
रिया चक्रवर्ती समेत उनके नजदीकियों का कहना है कि सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन से गुजर रहे थे, यही उनके सुसाइड का कारण बताया जा रहा है। जबकि सुशांत के परिवार ने इससे इंकार किया है और कहना है कि जबरदस्ती इस केस को डिप्रेशन से जोड़ा जा रहा है।
वहीं, टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार एक आध्यात्मिक गुरु का कहना है कि उसने सुशांत का इलाक किया था। आध्यात्मिक गुरु का नाम मोहन सदाशिव जोशी है और उन्होंने दावा किया है कि वह 22-23 नवंबर 2019 को सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती से मिले थे। जोशी ने कहा कि उन्होंने 22 नवंबर को सुशांत का इलाज किया था जिसके बाद वह ठीक थे।
इस अध्यात्मिक गुरु का कहना है कि 23 नवंबर को उन्होंने सुशांत और रिया के साथ लंच भी किया था। खुद ने सुशांत को लेकर उनसे संपर्क किया था। आध्यात्मिक गुरु जोशी का दावा है कि उन्होंने मशहूर बिजनसमैन धीरूभाई अंबानी और कर्नाटक के एक पूर्व मुख्यमंत्री का भी इलाज किया था।
वहीं, बिहार सरकार की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती व उनके परिवार के अलावा सैमुअल मिरांडा, श्रुति मोदी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 306, 341, 342, 420, 406 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। मगर सुप्रीम कोर्ट में मामला मुंबई-पटना के अधिकार क्षेत्र में फंसा है।