फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का है मानना, भारतीय मानस में व्याप्त है गांधी का दर्शन

By भाषा | Published: September 30, 2019 07:31 PM2019-09-30T19:31:02+5:302019-09-30T19:31:02+5:30

Shyam Benegal says Gandhi's philosophy permeates Indian psyche | फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का है मानना, भारतीय मानस में व्याप्त है गांधी का दर्शन

फिल्ममेकर श्याम बेनेगल का है मानना, भारतीय मानस में व्याप्त है गांधी का दर्शन

जानेमाने फिल्मकार श्याम बेनेगल का कहना है कि भारतीय मानस पर महात्मा गांधी का व्यापक प्रभाव भले ही जमीन पर नहीं दिखता हो लेकिन कहीं न कहीं समाज के ‘‘करुणा के विचार’’ में यह परिलक्षित होता है। अतीत को विगत से जोड़ने के लिए अक्सर इतिहास की ओर देखने वाले   बेनेगल ने कम से कम चार परियोजनाओं - ‘‘द मेकिंग ऑफ द महात्मा’’, ‘‘भारत एक खोज’’, संविधान’’ और ‘‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’’ के लिए गांधी का अध्ययन किया है।

बेनेगल ने ‘‘द मेकिंग ऑफ द महात्मा’’ बनाने के क्रम में दक्षिण अफ्रीका में गांधी के शुरुआती वर्षों का अध्ययन किया था। इस फिल्म में रंगमंच अभिनेता रजत कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। बेनेगल ने जवाहरलाल नेहरू की प्रसिद्ध कृति ‘‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’’ पर आधारित टीवी धारावाहिक ‘‘भारत एक खोज’’ बनायी थी। इस धारावाहिक की दो कड़ियों में भी महात्मा गांधी का जिक्र था।

देश के बहुचर्चित फिल्मकारों में शामिल 84 वर्षीय बेनेगल के अनुसार, गांधी के विचार और उनके दर्शन ‘‘निर्विवाद रूप से भारतीय मानस में व्याप्त हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि भारतीयों पर गांधी का गहरा प्रभाव रहा है। जरूरी नहीं कि यह जमीन पर दिखाई दे, लेकिन कहीं न कहीं यह करुणा और मानवता की भावना के विचार के साथ जुड़ा है।’’

बेनेगल ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ये भावनाएं हैं जो भारतीय चरित्र में शामिल हैं और अंततः भारतीय सोच का हिस्सा हैं।’’ उन्होंने कहा कि गांधी के विचार भारतीय दर्शन और लोकाचार से लिए गए थे। उन्होंने इन विचारों को फिर से सामने लाया जो जो महत्वपूर्ण बात थी। यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी आधुनिक भारत में प्रासंगिकता खो रहे हैं और उनके विचारों को कुचला जा रहा है, बेनेगल ने कहा कि गांधी को अपने दर्शन के लिए हमेशा प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई समय नहीं था जब (उनके विचारों को) नहीं रौंदा जा रहा था, यहां तक कि उनके अपने समय में भी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने उसे बाहर लाया था जो हमारे दर्शन का एक हिस्सा था, इसलिए उन्होंने उन विचारों पर जोर दिया जो पहले से ही थे। उन्होंने उन पहलुओं को रेखांकित किया जिनका पालन नहीं किया जा रहा था और जो विचार और दृष्टिकोण में थे, उदाहरण के लिए जाति व्यवस्था जैसी बुराइयां।’’

बेनेगल के अनुसार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अन्य मनुष्यों के प्रति करूणा का भाव अपनाना उनके लिए उन्हें सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली उपनिवेशवादियों के खिलाफ अहिंसक स्वतंत्रता संघर्ष का नेतृत्व करने वाले महात्मा गांधी को याद करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि हम अपने सभी आचरण में अहिंसा को शामिल करें। बेनेगल ने कहा कि उनकी 1996 की फिल्म ‘‘द मेकिंग ऑफ द महात्मा’’ गांधी को निजी रूप में और विश्व नेता के रूप में समझने का एक प्रयास थी। 

Web Title: Shyam Benegal says Gandhi's philosophy permeates Indian psyche

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