Sanju Movie Review: संजय दत्त की जिंदगी के दो चैप्टर में सिमट जाती है संजू, ड्रग एडिक्ट और नॉट ए टेररिस्ट
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: June 29, 2018 19:26 IST2018-06-29T19:00:55+5:302018-06-29T19:26:13+5:30
Sanju Film Review: एक लाइन में संजू, संजय दत्त की जिंदगी के कुछ चुनिंदा हिस्सों पर राजकुमार हिरानी द्वारा बनाई और रणबीर कपूर, परेश रावल, विक्की कौशल की शानदार एक्टिंग वाली फिल्म है।

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संजू***1/2
रेटिंगः साढ़े तीन स्टार
कलाकारः रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा, विक्की कौशल, परेश रावल, सोनम कपूर, मनीषा कोयराला, दीया मिर्जा, बोमन ईरानी
निर्देशक-लेखकः राजकुमार हिरानी
संजू एक मुकम्मल फिल्म है। खाली एक फिल्म देखने सिनेमाघर गए दर्शकों को यह कतई निराश नहीं करती। 2 घंटे 41 मिनट तक संजू बांधे रहती है। और आखिर में संजय दत्त एक टेरेरिस्ट नहीं हैं, उनका जबर्दस्त मीडिया ट्रॉयल हुआ है, मीडिया ने संजय का सच नहीं छापा है, मीडिया ने संजय पर मसाला छापा, जिसका उनकी जिंदगी पर असर पड़ा, मीडिया को अब उनके बारे में ऐसा नहीं करना चाहिए, यह सलाह भी देती जाती है।
फिल्म संजय दत्त की खामियों को नहीं छिपाती। लेकिन फिल्म में संजय दत्त की जिंदगी के उतने ही पन्ने उजागर किए गए हैं, जितने से यह साबित हो जाए कि वे टेरेरिस्ट नहीं हैं। फिल्म में भरपूर भावुक दृश्य रखे गए हैं, जो संजय दत्त की दोस्ती, मां-पिता से उनके रिश्ते और उनके बड़े होने के बाद भी बच्चा होने की दुहाई देते हैं।
फिल्म की शुरुआत संजय दत्त पर एक किताब लिखे जाने की कवायद से होती है। फिल्म का क्लाइमेक्स संजय की आत्मकथा लिखे जाने पर होता है। फिल्म में संजय दत्त अपनी आत्मकथा लिखने को बेहद बेकरार नजर आते हैं। वह अपने ऊपर की गई रिपोर्टिंग से खुश नहीं हैं। उनकी जिंदगी में कुछ और भी है जिसे वह दुनिया से बताना चाहते हैं। निर्देशक राजकुमार हिरानी ने संजय दत्त की वही बात लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है।
संजू में राजकुमार हिरानी का निर्देशन
राजकुमार हिरानी ने अपनी पिछली 4 फिल्मों में यह साबित कर दिया था कि उनका कहानी कहने का अंदाज बिल्कुल अनोखा है। उन्हें कठिन से कठिन विषय में हांस्य ढूंढ़ने का फन आता है। मुन्ना भाईएमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई, 3 इडियट्स और पीके, सभी में उन्होंने पहले से कही हुई कहानियों को फिर से कहा, और इतने चुटीले अंदाज में फिल्मों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। लेकिन संजू में वह अपना करिश्मा दोहरा नहीं पाए हैं।
संजू में राजकुमार हिरानी ने अपने किरदारों के भावुक पक्ष अधिक उकेरा है। कुछ एक दृश्यों, जैसे कि संजय दत्त की गर्लफ्रेंड के पिता की मौत के दृश्य में हास्य, शराब की तलब लगने पर तलब लगने की मीनिंग समझाने के तौर पर ड्यूल मीनिंग डायलॉग आदि से हास्य लाने की कोशिश की है। लेकिन ज्यादातर दृश्य भावुकता में डूबे हुए हैं। इसलिए राजू हिरानी फिल्म ढूंढने वालों को थोड़ी निराशा हो सकती है।
संजू की कहानी
संजू की कहानी राजकुमार हिरानी ने लिखी है। वे फ्लैशबैक अच्छा इस्तेमाल करते हैं। फिल्म शुरुआत संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट से सजा सुनाए जाने होती है और सजा काटकर बाहर निकलने पर खत्म हो जाती है। लेकिन राजू हिरानी बहाने से संजय दत्त के जिंदगी के कई पहलू को छूते हैं। इंटरवल से पहले फिल्म केवल संजय दत्त के ड्रग्स के दिनों बयां करती है। मध्यांतर के बाद संजय दत्त के एके 47 रखने की कहानी सामने आती है। फिल्म में एके 47 रखने का कारण अंडरवर्ल्ड से उनके पिता को मार देने की धमकी, बहनों से रेप की धमकी आदि दिखाया गया।
जबरदस्त अभिनय का तड़का है 'संजू' , जानें किस किरदार ने अपने रोल के साथ किया इंसाफ
संजू की कहानी में कुछ ही ऐसी बातें नई नजर आईं, जैसे सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनने के बाद संजय दत्त मान्यता को चिट्ठी लिखकर सुसाइड करने जा रहे थे। संजय दत्त ने ड्रग्स के लिए पैसे जुटाने के लिए 2200 किलोमीटर का रास्ता पैदल पूरा करने निकल गए थे। संजय दत्त की जिंदगी को सुधारने में मजरूह सुल्तानपुरी, आनंद बख्शी आदि के कई गानों की बड़ी भूमिका है।
संजू फिल्म में अभिनय
संजू में रणबीर कपूरः संजू में रणबीर कपूर एक संतुलित हाव-भाव के अभिनेता लग हैं। उन्होंने अपने हिस्से आए दृश्यों को इमानदारी से निभाया है। कुछ एक दृश्यों टकराव है कि यह रणबीर कपूर के भाव हैं या संजय दत्त के? क्योंकि परेशान होने के बाद रणबीर कपूर कैमरे पर एक सा भाव देते हैं। लेकिन दूसरे दृश्यों, जैसे परेशानी में होने पर सिर-चेहरे का कांपना, अपनी मां की आवाज कैसेट में सुनकर रोना, अपने पापा के लिए दी गई स्पीच, अपने पिता से ड्रग्स से बचाने की अपील के दृश्यों में वह दिल जीत लेते हैं।
अपने लुक्स पर रणबीर ने खासी मेहनत की है। बाल बढ़ाने से लेकर, बॉली बिल्डिंग के दृश्यों तक वे संजय दत्त की तरह दिखे हैं। हालांकि इतनी मेहनत के बावजूद रॉकी शूटिंग के दृश्यों में रणबीर की उम्र उनके चेहरे से झलकती है। वह संजय दत्त जितने मासूम नजर नहीं आते। फिल्म में उनकी उम्र 21 साल बताई भी जाती है। लेकिन दृश्यों में वह 21 से उम्रदराज दिखते हैं।
संजू में विक्की कौशलः संजय दत्त दोस्तों के दोस्त हैं। इसकी दुहाई कई मौकों पर दी जाती है। विक्की कौशल पर राजकुमार हिरानी ने अकेले उन सभी दोस्तों का जिम्मा सौंप दिया है। फिल्म संजय के दोस्त के तौर कमलेश कन्हैया कपसी नाम के किरदार में विक्की कौशल ने अब तक सबसे शानदार किरदार निभया है। विक्की कौशल सुनील दत्त के सामने अपने दोस्त को बचाने की गुजारिश करते हुए भावुक करना या फिर उनकी गर्लफ्रेंड को अपने ड्रगी दोस्त से शादी के लिए तैयार करने का कॉमिक दृश्य हो, वे हर भाव में जमे हैं।
संजू में परेश रावलः परेश रावल एक बेजोड़ सधे हुए अभिनेता हैं, उन्होंने संजू में जाहिर किया है। सुनील दत्त के किरदार में जितने धैर्य की जरूरत थी, परेश रावल उसकी प्रतिमूर्ति के तौर पर उभरे हैं। उन्होंने अपने डायलॉग डिलिवरी की टाइमिंग से फिल्म में खासा प्रभाव छोड़ा है।
संजू में मनीषा कोयरालाः मनीषा के हिस्से गिन के चार दृश्य और एक गाना आया है। इस छोटे कैनवास में उन्होंने बेहतर एक्टिंग की है। उनके लुक्स नर्गिस की याद दिलाते हैं। नर्गिस दत्त जब अमेरिका से इलाज के बाद भारत आईं तो उनका चेहरा काला पड़ गया था, लेकिन फिल्म में वह खूबसूरत ही दिखाई गईं। यह फिल्म निर्देशक की च्वाइस थी या मनीषा की लेकिन इससे उनके किरदार को और बल मिलता। चूंकि वह खुद भी कैंसर उबर चुकी हैं, इसलिए उनके दृश्य थोड़े और रखे जा सकते थे। लेकिन सीमित दृश्यों में उन्होंने बढ़िया काम किया है।
संजू में दीया मिर्जाः दिया मिर्जा पूरी फिल्म में मौजूद रहती हैं। लेकिन जैसी मान्यता दत्त की संजय दत्त की जिंदगी में फिलर वाली भूमिका है, फिल्म में दीया मिजा भी वही करती नजर आती हैं। उनके लुक्स प्रभावित करते हैं। डायलॉग या ज्यादा भावात्मक दृश्य उनके हिस्से आए नहीं।
संजू में सोनम कपूरः सोनम के हिस्से संजू के शुरुआती हिस्से के कुछ बेहद खास दृश्य आए हैं। इनमें सोनम ने एकदम सटीक अभिनय किया है। रूबी नाम किरदार में वह संजय दत्त से प्यार करने भाव चेहर पर ले आई हैं।
संजू में अनुष्का शर्माः अनुष्का यह फिल्म बड़े नाम और अच्छे बैनर की वजह से शायद साइन कर ली। हालांकि उनके कद का उन्हें खासा फायदा मिला, अनुष्का को फिल्म में संजय दत्त की बहनों से ज्यादा फुटेज मिली है। वह एक बड़ी लेखिका की किरदार में हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके हिस्से आए दृश्यों में वह अपने पिछले किरदारों का दोहराव करती नजर आती हैं।
संजू में अन्य किरदारः संजू में मौके-मौके से जिम सरभ, बोमन ईरानी, पीयूष मिश्रा, करिश्मा तन्ना, प्रकाश बेलावड़ी, संजय मांजरेकर आदि दिखाई देते हैं। पर उनके हिस्से अभिनय दिखाने के मौके कम आए हैं।
संजू में म्यूजिक
संजू में गिन के चार गाने हैं। लेकिन फिल्म के अंदर चारों ही गाने दो लाइन से ज्यादा नहीं चलते। फिल्म के शुरुआत में 'मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया', बीच में 'रुबी-रुबी' या फिर मध्यांतर के ठीक पहले 'कर हर मैदान फतह' व मध्यांतर के ठीक बाद 'चांद पर ले चलो' को जल्दी निपटा दिया जाता है। इससे ज्यादा मजरूह सुल्तानपुरी, आनंद बख्शी व अन्य संगीतकारों के गानों का जिक्र होता है, जिसे कभी परेश रावल और रणबीर कपूर की आवाज में फिल्माया गया है तो कभी असल आवाज में किशोर कुमार व दूसरे गायक गाते सुने जाते हैं। फिल्म खत्म होने के बाद रणबीर और संजय दत्त पर एक रैप फिल्माया गया है, जिसमें संजय दत्त की मीडिया से नाराजगी को दिखाया गया है।
राजू हिरानी के पास इस फिल्म में भरपूर मौका था कि वह आजकल के ट्रेंड के हिसाब से कुछ गाने रिक्रिएट करें। लेनिक उन्होंने ठाना कि वह एक भी गाने का रिमिक्स या रीक्रिएट नहीं करेंगे।
Final Comment: फिल्म में हिम्मत जुटाने के लिए शराब को उपयोगी बताया गया। फिल्म में संजय दत्त के जेल में रहने के दौरान अपनी बात बाहर के लोगों को कम्यूनिकेट करने के लिए जेल की रेडियो का उपयोग करते दिखाया गया। ऐसी कई बातें हैं, जैसे संजय दत्त का बहनों की रेप की धमकी की वजह से ही हथियार रखना, यह सब चीजें खटकती हैं। फिल्म के सहारे इमेज सुधारने के व्यापार नहीं करना चाहिए।