साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 Movie Review: धोखा तो आपको होना था...
By खबरीलाल जनार्दन | Published: July 27, 2018 10:05 AM2018-07-27T10:05:48+5:302018-07-31T07:51:18+5:30
Saheb Biwi Aur Gangster 3 Movie Review :साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 देखते वक्त बार-बार इसके पुराने गैंग्ास्टर रणदीप हुड्डा, इरफान खान याद आते हैं, जिनकी मेहनत पर इस बार लेखक-निर्देशक और संजय दत्त ने मिलकर पानी फेर दिया है।
साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 (*1/2)
रेटिंगः डेढ़ स्टार
निर्देशकः तिग्मांशु धूलिया
कलाकारःसंजय दत्त, जिम्मी शेरगिल, माही गिल, चित्रांगदा सिंह, सोहा अली खान, दीपक तिजोरी, कबीर बेदी
साहेब बीवी और गैंगस्टर (2011) और साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स (2013) के पांच साल बाद आई साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 (2018) में जंग लग गया है। साहेब कमजोर हो गए हैं। बीवी का पेट निकल आया है। गैंगस्टर पर संजय दत्त का ग्रहण लग गया है। साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 देखते वक्त बार-बार इसके पुराने गैंग्ास्टर रणदीप हुड्डा, इरफान खान याद आते हैं, जिनकी मेहनत पर इस बार लेखक-निर्देशक और संजय दत्त ने मिलकर पानी फेर दिया है।
निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने अपनी एक धारदार सिरीज की तीसरी फिल्म बर्बाद कर ली है। कारण कई हो सकते हैं, मसलन बजट की कमी, सीमित अभिनय कर पाने वाले कलाकारों से सपोर्ट ना मिल पाना या फिर किसी बड़े नाम को साइन करने बाद क्रिएटिव कंप्रोमाइज करना। कारण कोई भी हो, तिग्मांशु का नाम आते ही जिन दर्शकों के जेहन में हासिल, चरस, शागिर्द, साहेब बीवी और गैंगस्टर, पान सिंह तोमर, साहेब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स, राग देश जैसी फिल्में घूम जाती हों, उन्हें बुलेट राजा से भी खराब देखने को मिलेगी।
इस फिल्म सिरीज की खासियत यह थी कि फिल्म में हीरो कौन है और विलेन कौन, यह नहीं बताया जाता था। सभी कलाकार परिस्थितियों में उलझकर पर्दे पर नफरत, शातिरता, बदला और बोल्ड दृश्यों से एक ऐसा कैमॉफ्लाज रचते थे ढाई घंटे में रोमांच आ जाता था। लेकिन इस बार 2:40 घंटे पॉपकान और कोल्ड्रिंक्स के साथ अपने फोन के व्हाट्सएप मैसेजेस चेक करते बिताने पड़ सकते हैं। क्योंकि फिल्म में एक आदर्श हीरो आ गया है। इस बार का गैंगस्टर एक आदर्श आशिक, आदर्श दोस्त, आदर्श बेटा है, हां वह कहीं से गैंगस्टर नहीं है।
साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 की कहानी
साहेब बीवी और गैंगस्टर सिरीज की कहानी, मोटी बुद्धि के साहेब यानी आदित्य प्रताप सिंह (जिम्मी शेरगिल) की बेजा रजवाड़ा झाड़ने की है। बिगड़ैल रानी यानी बीवी यानी माध्वी (माही गिल) की महत्वकांक्षाओं की है। और हर बार बदलने वाले गैंगस्टर्स की साहेब और बीबी के बीच उलझने की है। इन तीन बातों को पर्दे पर उतारने के लिए देशकाल राजस्थान का चुना जाता है। इस बार भी वही है।
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लंबे समय से बॉलीवुड की बदला लेने वाली फिल्मों के क्लाइमेक्स में गाना नजर आ रहा है। फिल्म के क्लाइमेक्स में एक डायलॉग है, जो गैंगस्टर, साहेब से बोलता है- धोखा तो आपको होना था। लगता है जैसे निर्देशक यह दर्शकों से कह रहे हैं। फिल्म की शुरुआत में बीवी एक डायलॉग बोलती हैं- जब नाम के अलावा कुछ ना बचा हो, तो उसे बहुत संभालना पड़ता है। लगता है जैसे, स्क्रीनराइटर ने संजय दत्त के लिए जानबूझ कर इसे रखा हो।
साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 में जिम्मी, संजय, माही की एक्टिंगऔर तिग्मांशु का डायरेक्शन
जिम्मी शेरगिलः साहेब अपने किरदार में जंचे हैं। रस्सी जल जाए लेकिन ऐंठन ना छूटे, मूंढ़, महिलाओं की जाल में फंसने वाले इस किरदार को जिम्मी बेहतरीन अंदाज में पर्दे पर उतारते हैं। लेकिन इस बार उनके किरदार पर तिग्मांशु ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया है।
माही गिलः बीवी, साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 की विलेन है। विधायक रानी इस बार नैतिक दबाव में हुस्न का वो जलवा नहीं बिखेर पाती, जो पिछली दो फिल्मों दिखा पाती है। इस बार उसके पास कोई प्रेमी भी नहीं है। वह पूरी फिल्म में शातिर राजनेत्री का चोला ओढ़े रहती है। जो लोग माही के सनकीपन वाले किरदार से प्यार करते होंगे, उन्हें इस बार माही की एक्टिंग कमजोर लगेगी। लेकिन को तिग्मांशु ने जो काम दिया है, उसे उन्होंने बखूबी निभया है। वह कुछ दृश्यों में पारंपरिक साड़ियों में बहुत फबी हैं।
प्यार, धोखा और साजिश का कॉम्बिनेशन है ‘साहब बीवी और गैंगस्टर 3’ का ये ट्रेलर
संजय दत्तः फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी। वह पर्दे पर बोल्ड दृश्यों में मिसफिट नजर आते हैं। नाचने वाली सुहानी (चित्रांगदा सिंह) के प्यार में पागल, गानों पर थिरकते संजय दत्त को देखकर उबासी आती है। पहली बार गैंगस्टर के किरदार को संजय दत्त ने इतने खराब ढंग से पर्दे पर उतारा है।
पामेला भुटोरियाः पूर्व मिस इंडिया रह चुकी पामेला कन्हैया (दीपराज राना) की बेटी किरदार जमी हैं। वह साहेब की शागिर्दगी वैसे ही करते नजर आ रही हैं, जैसे कन्हैया करते थे।
इसके अलावा चित्रांगदा सिंह, दीपक तिजोरी, कबीर बेदी, नफीसा अली, सरीखे चुके हुए कलाकार फिल्म में अपने किरदारों के साथ बेइमानी करते नजर आए हैं। दीपराज राना और सोहा अली खान को दो-दो सीन मिले हैं, जिनमें वो अपना प्रभाव छोड़ जाते हैं। फिल्म में तिग्मांशु की फिल्म होने की कोई खूबी नजर नहीं आती।
साहेब बीवी और गैंगस्टर 3 में संगीत
फिल्म में अनजान भट्टाचार्य और रेवंत शेरगिल ने म्यूजिक दिया है। फिल्म में दो गानों के लिए तिग्मांशु ने पूरी जगह भी दी है। लेकिन संगीतकार कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाते। इनके नये गानों की तुलना में मदन मोहन का संगीतबद्ध किया गया गाना 'लग जा गले' का रीक्रिएशन भारी पड़ता है।
Final Comment: संजय दत्त को अपनी सीधी बात कहने के लिए, अपनी छवि चमकाने के लिए फिल्मों का सहारा लेने से बचना चाहिए। फिल्म में वे कई बार अपनी असल कहानी कहते नजर आते हैं। खुद की छवि सुधारने की कोशिश करते नजर आते हैं। इससे फिल्म के किरदार की पूरी गंभीरता खत्म हो जाती है।
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