रवीना टंडन ने बॉलीवुड को कोसा, कहा- यहां भारतीय संस्कृति गायब होती जा रही, साउथ की फिल्मों की कामयाबी का बताया ये राज
By अनिल शर्मा | Published: April 19, 2022 04:07 PM2022-04-19T16:07:31+5:302022-04-19T16:28:05+5:30
रवीना टंडन ने दक्षिण और हिंदी फिल्म उद्योगों के बीच अंतर के बारे में बात करते हुए कहा है कि बॉलीवुड जनता के साथ संपर्क खो रहा है।
मुंबईः दक्षिण भारतीय फिल्में उत्तर भारतीय दर्शकों पर खास प्रभाव छोड़ रही हैं। हिंदी बेल्ट में दक्षिण के फिल्मों को लेकर बढ़ते क्रेज और कमाई को लेकर इस वक्त बॉलीवुड में चर्चा छिड़ी हुई है। सलमान खान, संजय दत्त के बाद अब रवीना टंडन ने बॉलीवुड में लिखी जा रही पटकथाओं पर सवाल खड़े किए हैं।
गौरतलब है कि रवीना यश की फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 में नजर आ रही हैं। रवीना टंडन ने दक्षिण और हिंदी फिल्म उद्योगों के बीच अंतर के बारे में बात करते हुए कहा है कि बॉलीवुड जनता के साथ संपर्क खो रहा है। कई अन्य लोगों की तरह, रवीना का भी मानना है कि दक्षिण भारतीय फिल्में भारतीय संस्कृति में निहित हैं, जबकि हिंदी फिल्म उद्योग पश्चिम की नकल करने की कोशिश में व्यस्त है।
बॉलीवुड बबल के साथ एक साक्षात्कार में रवीना ने कहा कि उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों के बारे में यही देखा है। केजीएफ फिल्म का उदाहरण देते हुए रवीना ने कहा कि कोई भी फिल्म काम नहीं करेगी अगर उनमें भावनात्मक कोर न हो।
90 के दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि "90 के दशक में, मधुर संगीत और कहानियों के आने तक तक पश्चिम की बहुत नकल थी। वे सभी हेलिकॉप्टर और पश्चिमीकरण के साथ हॉलीवुड बनना चाहते थे... कहीं न कहीं हमारी फिल्मों में भारतीय संस्कृति का नुकसान हुआ। रवीना टंडन ने कहा है कि बॉलीवुड की फिल्मों से भारतीय संस्कृति गायब होती जा रही है जबकि साउथ इंडस्ट्री ने अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों को पकड़कर रखा है।
रवीना ने आगे कहा, "हम जो मुंबई में स्क्रिप्ट बना रहे हैं, उसमें कमी है, और मुझे लगता था कि हम जनता की पहचान से दूर जा रहे हैं। भले ही केजीएफ 1 और 2 को एक एक्शन फिल्म के रूप में चित्रित किया जा सकता है, जब तक आप लोगों के दिलों को पकड़ने वाली भावनाएं नहीं रखते, मुझे नहीं लगता कि कोई भी फिल्म सफल हो सकती है। जब आपकी भावनाएं सतही स्तर की होती हैं, तो यह काम नहीं करती है।"