रामायण सीरियल शुरू होने के पीछे राजीव गांधी की थी खास भूमिका, जानिए कैसे
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 23, 2020 01:26 PM2020-04-23T13:26:07+5:302020-04-23T13:43:29+5:30
1985 में राजीव गांधी बहुमत से सरकार में आए थे। लेकिन उनके सामने सिख विरोधी दंगे , भोपाल गैस त्रासदी जैसी समस्याएं थीं। ऐसे में राजीव का एक वर्ग आलोचना भी कर रहा था
दुनियाभर में कोराना वायरस का कहर फैला हुआ है। भारत में भी इस वायरस ने अपने कदम फैला लिए हैं।। देश में कोरोना वायरस की वजह से 3 मई तक का लॉकडाउन जारी है। हर राज्य की सरकार इस लॉकडाउन को सक्सेसफुल बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक रही। ऐसे में लोगों की मांग पर एक बार फिर से 90 के दशक के सीरिल्य शुरू किए गए। इन्हीं में से एक है रामानंद सागर की रामायण भी। हाल ही में इसका प्रसारण दूरदर्शन पर शुरू हुआ है।
रामायण अपने फिर से प्रसारण के साथ फिर से फैंस के बीच छा गई है। दूरदर्शन पर आ रहे रामायण के हर एक किरदार से फिर से लोगों को प्यार हो गया है। शो टीआरपी में नंबर एक पर चल रहा है।रामायण अब अपने अंतिम चरण पर पहुंचे वाली है। रामायण का पहला प्रसारण दूरदर्शन पर 25 जनवरी 1987 में हुआ था। कहा जाता है पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जो उस वक्त पीएम ने उन्होंने रामानंद सागर को रामायण बनाने को कहा था।
1985 में राजीव गांधी बहुमत से सरकार में आए थे। लेकिन उनके सामने सिख विरोधी दंगे , भोपाल गैस त्रासदी जैसी समस्याएं थीं। ऐसे में राजीव का एक वर्ग आलोचना भी कर रहा था। कहा जाता है कि उस वक्त राजीव गांधी ने सूचना और प्रसारण मंत्री वीएन गाडगिल से कहा कि दूरदर्शन पर देश के लोगों की आस्था-विश्वास के साथ भारत की सभ्यता और संस्कृति की झलक दिखाई जानी चाहिए। जिसके बाद ये बात आगे बढ़ाई गई थी।
जिसके बाद सूचना और प्रसारण मंत्री ने रामानंद सागर और बीआर चोपड़ा को खत लिखा था। उन्होंने कहा था कि दो हफ्ते में रामायण पर एक शूट जमा कर दें। रामानंद सागर ने ऐसा ही किया। इसके बाद काफी वाद विवाद के बाद रामायण छोटे पर्दे पर पेश की गई थी। रामायण 1 साल तक पर्दे पर पेश की गई थी और इसको अपार सफलता मिली थी।
Since I am proud of our Army and services I posted it after RE checking it with a very old responsible friend - who lives in Noida and forwarded it. Since some ppl feel it may not be true or completely true I will delete it for now and RE post it after better RE verification.
— Vivek Tankha (@VTankha) March 29, 2020
हाल ही में वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने ट्विट करते हुए कहा है कि रामायण जैसे अध्यात्मिक सीरियल को शुरू करने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को जाता है। उन्होंने ही रामानंद सागर को रामायम लिखने के लिए अनुप्रेरित किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके गवाह ब्रजभूषण थे।