October Film Review: वरुण-बनिता की फिल्म देख आप भी कहेंगे- प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो

By भारती द्विवेदी | Published: April 13, 2018 02:13 AM2018-04-13T02:13:07+5:302018-04-13T12:47:40+5:30

OCTOBER MOVIE REVIEW: शूजीत सरकार की ऑक्टोबर एक ऐसी फिल्म है, जिसे देखने के बाद आप इस फिल्म का कुछ हिस्सा अपने साथ ले जाते हैं। ये उन फिल्मों में से नहीं है जिसे आप हॉल से बाहर निकलकर भूल जाएं।

OCTOBER MOVIE REVIEW: Varun Dhawan and Banita Sandhu Starrer October About True love | October Film Review: वरुण-बनिता की फिल्म देख आप भी कहेंगे- प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो

October Film Review: वरुण-बनिता की फिल्म देख आप भी कहेंगे- प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो

फिल्म- ऑक्टोबर

डायरेक्शन- शूजीत सरकार

कास्ट- वरुण धवन, बनिता संधू, गीतांजलि राव

रेटिंग- 4 

‘विक्की डोनर’, ‘मद्रास कैफे’ और ‘पीकू’ जैसी फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर शूजीत सरकार की फिल्म है ‘ऑक्टोबर’। अपनी पिछली फिल्मों की तरह शूजीत सरकार आपको अपनी इस फिल्म के जरिए एक अलग और नई कहानी से रूबरू करवाते हैं। ये एक ऐसी फिल्म है, जिसे देखने के बाद आप इस फिल्म का कुछ हिस्सा अपने साथ ले जाते हैं। ये उन फिल्मों से नहीं जिसे आप हॉल से बाहर निकलकर भूल जाएं। फिल्म के दौरान आपने जो महसूस करते हैं वो बहुत देर तक, बहुत दूर तक आपके जहन में तैरता रहता है।

कहानी

फिल्म की कहानी दिल्ली के एक बड़े होटल में काम करने वाले डैन (वरुण धवन) और शिउली (बनिता संधू) और उनके साथी ट्रेनी की है। डैन (वरुण) जो कि अपने होटल मैनेजमेंट ट्रेनिंग से खुश नहीं है। जो काम वो वहां कर रहा है, वो उसे करना नहीं है। होटल में साथ काम करने वाले अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहता है। वहीं शिउली (बनिता) जूनियर होने के बावजूद भी अपनी ट्रेनिंग बेहतर तरीके से करती है। सबकुछ रूटीन में चल रहा होता फिर अचानक एकदिन न्यू ईयर की पार्टी में शिउली का एक्सीडेंट हो जाता है। शिउली अपने एक्सीडेंट से पहले अपनी दोस्त से डैन के लिए पूछती है, जो कि उस पार्टी में मौजूद नहीं होता है। जब डैन को ये पता चलता है कि शिउली एक्सीडेंट के पहले उस ढूंढ रही होती है, फिर यहां से शुरू होती वो इमोशनल जर्नी जिसमें डैन बहता चला जाता है। और डैन के इस जर्नी में कब हमसब उसके साथ हो जाते हैं। पता नहीं चलता। जबतक आपको चीजें एहसास होती है, आप खुद की आंखों को नम पाते हैं।

एक्टिंग

बॉलीवुड में कमर्शियल हीरो के रूप में स्थापित हो चुके वरुण धवन की ये फिल्म उनके करियर की सबसे अच्छी फिल्मों में गिनी जाएगी।वरुण इस फिल्म में अपनी एक्टिंग से आपको हंसते भी है और रूलाते भी। किसी भी एक्टर के लिए ये बड़ी बात होती है कि वो अपनी एक्टिंग के जरिए आपको उस हर एहसास से रूबरू करवा दे, जो वो पर्दे पर दिखाना चाहता है। वरुण इस काम में सफल होते हैं। बनिता संधू की ये डेब्यू फिल्म है। अपनी पहली फिल्म से ही वो छाप छोड़ने में कामयाब होती है। शिउली की मां के रूप में गीतांजलि राव ने अच्छा अभिनय किया है।

डायरेक्शन

शूजीत सरकार जैसी फिल्में बना रहे हैं, उस हिसाब से अब लगने लगा है कि उनका नाम ही काफी है। वरुण धवन जैसे कमर्शियल एक्टर के जरिए डैन की इमोशनल जर्नी दिखाना, ये उनके डायरेक्शन का ही कमाल है। शूजीत सरकार ने फिल्म में जुड़े हर किरदार को बेहद दमदार तरीके से दिखाया है। हर किरदार की अपनी एक पहचान है। मतलब शूजीत रिश्तों को बहुत अच्छे से दिखाते हैं। किसी भी किरदार को देखकर ये नहीं लगेगा कि ये क्यों है या कहीं भी फिल्म की कहानी आपको बोर नहीं करती है। आप ये नहीं सोचते कि ये सीन आगे बढ़ जाए या फिल्म में नहीं होता। हालांकि फिल्म दूसरे भाग में थोड़ी धीमी गति से आगे बढ़ती है, फिर भी आप खुद को फिल्म से अलग नहीं कर पाएंगे।

क्यों देखें 

वरुण धवन, बनिता संधू की एक्टिंग के लिए, प्यार के उस एहसास के लिए जिसे फिल्म के दोनों किरदारों ने कभी अपनी जुबान से बयां तो नहीं किया, बस उस एहसास को जिया है। इस फिल्म का नाम ‘ऑक्टोबर’ क्यों हैं वो जानने के लिए। शूजीत सरकार के डायरेक्शन के लिए। हालांकि फिल्म का थोड़ा स्लो होना, फिल्म में एक भी गाने का नहीं होना आपको बोर कर सकता है।

Web Title: OCTOBER MOVIE REVIEW: Varun Dhawan and Banita Sandhu Starrer October About True love

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