Mard Ko Dard Nahi Hota Movie Review: मर्द के दर्द पर अनोखा प्रयोग, एक्शन, कॉमेडी और एंटरटेनमेंट से भरपूर है ‘मर्द को दर्द नहीं होता’
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 19, 2019 10:38 AM2019-03-19T10:38:16+5:302019-03-19T10:38:16+5:30
जैसा कि इस फिल्म का टाइटल है 'मर्द को दर्द नहीं होता', आइए आपको बताते हैं कैसी है फिल्म-
कास्ट: अभिमन्यु दसानी, राधिका मदन, गुलशन देवैया,महेश मांजरेकर, श्वेता बासु प्रसाद
निर्देशक: वासन बाला
रेटिंग्स: 4 स्टार्स
जिस फिल्म का फैंस को लंबे समय से इंतजार था वो फैंस के सामने पेश कर दी गई है। कई फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड जीत चुकी एक्शन कॉमेडी फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ अपने अनोखे ट्रेलर के कारण दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रही थी, फिल्म की रिलीज से पहले इसके शानदार रिव्यू फैंस के सामने आ गए हैं। फिल्म कई सामाजिक मुद्दों को पेश करती है, जिसमें एक्शन, कॉमेडी, मनोरंजन को बखूबी तरीके से पेश किया गया है, इतना कहा जा सकता है कि फिल्म का जैसा नाम है सबसे हटकर वैसी ही ये फिल्म है सभी से हटकर ना तो ये आपको बोर करेगी और ना ही पकाएगी तो आइए बताएं कैसी है 'मर्द को दर्द नहीं होता' ।
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी शुरू होती है एक बच्चे से जिसका नाम है सूर्या, सूर्या (अभिमन्यु दसानी) नाम के एक बच्चो को एक ऐसी बीमारी होती है कि उसको किसी भी प्रकार का दर्द या चोट महसूस नहीं होती है। हर तरह के शारीरिक दर्द से अनजान सूर्जा अपने दादा से बेहद करीब होता है। उसके अंदर बचपन से ही सुपरहीरो या कहें कराटे मैन बनने की चाहत है। बीमारी के चलते उसको स्कूल में भी बच्चे काफी परेशान करते हैं ऐसे में वह खुद को अकेला महसूस करता है। पिर भी उसकी जिंदगी में दो लोग उसके उसके साथ हमेशा होते हैं एक उसकी दोस्त सुप्रि और एक उसके दादा (महेश मांजरेकर)। ये दोनों ही उसका हमेशा ख्याल रखते हैं खासकर उसके नाना।
फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि कुछ चोरों की वजह से उसकी मां की जान चली जाती है और अब सूर्या के जीवन का उद्देश है चोर, बुराई को खत्म करना हो जाता है। ऐसे में जब सूर्या जब बड़ा होता है तो कराटे मणि (गुलशन देवैया) से उसकी मुलाकात होती है और वो उन्हें अपना गुरु मान लेता है। इसी दौरान उसकी बचपन की दोस्त सुप्रि (राधिका ) से उसका फिर मिलन होता है। सूर्या और सुप्रि मिलकर कराटे मणि की एक इच्छा पूरी करने में अपनी जान की बाजी लगा देते हैं और इसी में उन्हें भी अपनी जिंदगी की मंजिल मिलती है।
एक्टिंग
भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दासानी ने फिल्म से डेब्यू किया है। एक्टिंग की बात की जाए को कहानी के हिसाब से फिल्म में एक्टिंग जबरदस्त है। अभिमन्यु ने एक्सन से लेकर कॉमेडी तक में हर एक सीन में खुद को साबित कर दिया है। वहीं, अगर राधिका मदन की बात करें तो उन्होंने भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है। महेश मांजरेकर ने हमेशा की तरह फिल्म की कहानी के अनुसार खुद को ढाल लिया। साथ ही गुलशन देवैया ने दोहरी भूमिका भी गज़ब की अदाकारी की है।
खास बातें और क्या कमजोर
फिल्म में फैंस को एक्शन और कॉमेडी शानदार तड़का देखने को मिलेगा है। साथ ही डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले, डायलॉग गज़ब हैं। ये एक ऐसी फिल्म है जो आप परिवार के साथ देख सकते हैं। लेकिन अगर इसके कमजोर हिस्से की बात करें तो फिल्म थोड़ी छोटी की जा सकती थी। साथ ही म्यूजिक जो कहीं खो सा गया और बेहतर हो सकता था।