बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर कंगना रनौत ने कहा- मेरे टूटे सपनों पर हंसने वालों का आभार, आप विलेन हैं इसलिए मैं हीरो हूं

By अनुराग आनंद | Published: November 27, 2020 05:03 PM2020-11-27T17:03:51+5:302020-11-27T17:15:09+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है।

Kangana Ranaut said On the Bombay High Court's decision, thank you for laughing at my broken dreams, you are a villain, so I am a hero | बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर कंगना रनौत ने कहा- मेरे टूटे सपनों पर हंसने वालों का आभार, आप विलेन हैं इसलिए मैं हीरो हूं

कंगना रनौत (फाइल फोटो)

Highlightsबॉम्बे हाई कोर्ट ने माना कि कंगना के बंगले को गिराना द्वेषपूर्ण कृत्य था।कंगना रनौत के ट्वीट पर अदालत ने कहा कि अभिनेत्री को लोकप्रिय व्यक्ति होने के नाते ट्वीट करते समय संयम बरतना चाहिए।

मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था और अभिनेत्री को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। अदालत ने विध्वंस के आदेश को अवैध बताकर रद्द कर दिया।

अभिनेत्री कंगना रनौत ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होकर जीतता है...तो वह लोकतंत्र की जीत होती है...मेरे टूटे सपनों पर हंसने वालों का आभार ....आप विलेन हैं इसलिए मैं हीरो बन सकती हूं। 

कंगना के बंगले को गिराना द्वेषपूर्ण कृत्य था: अदालत

इसके साथ ही इस मामले में कंगना रनौत ने कहा कि मुझे हिम्मत देने वालों का भी आभार। अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है। न्यायमूर्ति एस जे काठवाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ ने कहा कि नागरिक निकाय द्वारा की गई कार्रवाई अनधिकृत थी और इसमें कोई संदेह नहीं है। कोर्ट ने माना कि कंगना के बंगले को गिराना द्वेषपूर्ण कृत्य था।

पीठ रनौत द्वारा नौ सितंबर को उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने पाली हिल बंगले में बीएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी नागरिक द्वारा किए गए किसी भी अवैध निर्माण को नजरअंदाज करने की पक्षधर नहीं है और न ही उसने रनौत के ट्वीट को सही ठहराया जिसके कारण यह पूरी घटना हुई।

उन्होंने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह अदालत अवैध कार्यों या सरकार के खिलाफ या फिल्म उद्योग के खिलाफ दिए गए किसी भी गैरजिम्मेदार बयान का अनुमोदन नहीं करती है। अदालत ने कहा, 'हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता को लोकप्रिय व्यक्ति होने के नाते ट्वीट करते समय कुछ संयम बरतना चाहिए।”

 कोई कार्रवाई की जाती है, तो यह कानून की सीमाओं में रहकर की जानी चाहिए: कोर्ट

हालांकि,आदेश में कहा गया है कि किसी नागरिक द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता में राज्य या उसके तंत्र के खिलाफ की गई टिप्पणियों को राज्य द्वारा नजरअंदाज किया जाना चाहिए।” पीठ ने कहा,‘‘और अगर कोई कार्रवाई की जाती है, तो यह कानून की सीमाओं में रहकर की जानी चाहिए। प्रशासन द्वारा किसी भी तरह के बाहुबल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।”

आदेश में रनौत को भविष्य में सार्वजनिक रूप से अपनी राय व्यक्त करते हुए 'संयम' बरतने का भी निर्देश दिया गया। अपनी याचिका में रनौत ने दावा किया था कि मुंबई पुलिस के खिलाफ उनके ट्वीट के बाद शिवसेना सरकार चिढ़ गई थी और उसके बाद बीएमसी ने द्वेषपूर्ण भावना से यह कार्रवाई की।

बीएमसी ने इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि अभिनेत्री ने बंगले में अवैध निर्माण करवाया था और इसलिए निगम के अधिकारियों ने कानून के मुताबिक विध्वंस कार्य किया था। हालांकि, पीठ ने कहा कि विध्वंस स्थल की तस्वीरों, बीएमसी द्वारा रनौत के आरोपों को नकारने वाले बयान, शिवसेना के संजय राउत द्वारा की गई टिप्पणियां, विध्वंस के बाद पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में संपादकीय, सभी ने स्पष्ट किया कि नागरिक निकाय ने द्वेषपूर्ण भावना से यह कार्रवाई की है।

Web Title: Kangana Ranaut said On the Bombay High Court's decision, thank you for laughing at my broken dreams, you are a villain, so I am a hero

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